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माफिया मुख्तार अंसारी और भीम सिंह को 10-10 साल की कैद, सजा सुनते ही रो पड़ा बाहुबली

गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी
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Published : Dec 15, 2022, 9:58 AM IST

Updated : Dec 15, 2022, 6:02 PM IST

जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव.

गाजीपुर: बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को को बुधवार को गैंगेस्टर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते ही मुख्तार अंसारी रो पड़ा.

उल्लेखनीय है कि मुख्तार पर दर्ज गैंगस्टर मामले में 25 नवंबर को फैसला सुनाया जाना था. लेकिन, संबंधित कोर्ट के जज के तबादले के कारण फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की गई. वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर दर्ज गैंगस्टर केस में जिरह और गवाही सोमवार को पूरी कर ली गई थी. इसके बाद एमपी एमलए कोर्ट के न्यायाधीश दुर्गेश पांडे ने बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार दिया. इस मामले में कुल 11 गवाहों की गवाही हुई. कोर्ट ने दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया गाजीपुर में वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी और मुख्तार के सहयोगी भीम सिंह पर गैंगस्टर की धारा में केस दर्ज किया गया था. यह मामला गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सोमवार को जिरह और गवाही पूरी हुई थी. इसके बाद अदालत ने पत्रावली पर फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की थी. इस मामले में पूर्व में 25 नवंबर को ही फैसला आना था. लेकिन, पीठासीन अधिकारी का तबादला हो जाने से प्रक्रिया रुक गई थी.

यह भी पढ़ें: नगर पालिका अध्यक्ष बांदा की बर्खास्तगी का आदेश रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि नए जज दुर्गेश पांडेय को एमपी एमएलए कोर्ट का चार्ज मिलने के बाद 5 दिसंबर से लगातार इस मामले की सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से एक और वकील को जिरह में शामिल होने की अपील को कोर्ट ने ठुकरा दिया.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि 1996 में लगाए गए गैंगस्टर एक्ट में कुल 5 मुकदमे थे. जिसमें दो गाजीपुर, 2वाराणसी और 1 चंदौली के मुगलसराय का था. जिसमें महत्वपूर्ण मुकदमा वाराणसी के अवधेश राय हत्याकांड रहा. इस मामले में गवाही अवधेश के भाई अजय राय द्वारा लगातार दी गई. वहीं, गाजीपुर का दूसरा मुकदमा तत्कालीन एडिशनल एसपी उदय शंकर जायसवाल पर हमला करने का शामिल है. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि न्यायाधीश द्वारा सजा दिए जाने के समय मुख्तार अंसारी के फैमिली बैकग्राउंड की भी बात की गई और बताया गया कि किस तरह से इनका फैमिली बैकग्राउंड है. जो कहीं से भी इस तरह का आपराधिक घटना करने का इजाजत नहीं देता.

आखिर आज न्याय मिल ही गयाः अजय राय

वहीं, फैसला आने के बाद कांग्रेसी नेता अजय राय ने कहा कि कोर्ट के फैसले से बहुत खुशी हो रही है. वह जिस न्याय के लिए लड़ रहे थे, आज वह मिल गया. उन्होंने कहा कि लंबे इंतजार के बाद मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने 10- 10 साल की सजा और 5-5 का जुर्माना लगाया है. अवधेश राय ने कहा कि पूर्व की सरकारों में मुकदमा काफी समय तक लंबित रहा और उनकी उदासीनता भी सामने आई, जिसके चलते इतना लंबा या मुकदमा चला है. आज जो न्यायपालिका ने फैसला सुनाया है, उसके लिए धन्यवाद देता हूं और फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसे अपराधियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव.

गाजीपुर: बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को को बुधवार को गैंगेस्टर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते ही मुख्तार अंसारी रो पड़ा.

उल्लेखनीय है कि मुख्तार पर दर्ज गैंगस्टर मामले में 25 नवंबर को फैसला सुनाया जाना था. लेकिन, संबंधित कोर्ट के जज के तबादले के कारण फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की गई. वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी पर दर्ज गैंगस्टर केस में जिरह और गवाही सोमवार को पूरी कर ली गई थी. इसके बाद एमपी एमलए कोर्ट के न्यायाधीश दुर्गेश पांडे ने बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को दोषी करार दिया. इस मामले में कुल 11 गवाहों की गवाही हुई. कोर्ट ने दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया गाजीपुर में वर्ष 1996 में सदर कोतवाली में मुख्तार अंसारी और मुख्तार के सहयोगी भीम सिंह पर गैंगस्टर की धारा में केस दर्ज किया गया था. यह मामला गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सोमवार को जिरह और गवाही पूरी हुई थी. इसके बाद अदालत ने पत्रावली पर फैसले के लिए 15 दिसंबर की तारीख नियत की थी. इस मामले में पूर्व में 25 नवंबर को ही फैसला आना था. लेकिन, पीठासीन अधिकारी का तबादला हो जाने से प्रक्रिया रुक गई थी.

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शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि नए जज दुर्गेश पांडेय को एमपी एमएलए कोर्ट का चार्ज मिलने के बाद 5 दिसंबर से लगातार इस मामले की सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से एक और वकील को जिरह में शामिल होने की अपील को कोर्ट ने ठुकरा दिया.

शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि 1996 में लगाए गए गैंगस्टर एक्ट में कुल 5 मुकदमे थे. जिसमें दो गाजीपुर, 2वाराणसी और 1 चंदौली के मुगलसराय का था. जिसमें महत्वपूर्ण मुकदमा वाराणसी के अवधेश राय हत्याकांड रहा. इस मामले में गवाही अवधेश के भाई अजय राय द्वारा लगातार दी गई. वहीं, गाजीपुर का दूसरा मुकदमा तत्कालीन एडिशनल एसपी उदय शंकर जायसवाल पर हमला करने का शामिल है. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि न्यायाधीश द्वारा सजा दिए जाने के समय मुख्तार अंसारी के फैमिली बैकग्राउंड की भी बात की गई और बताया गया कि किस तरह से इनका फैमिली बैकग्राउंड है. जो कहीं से भी इस तरह का आपराधिक घटना करने का इजाजत नहीं देता.

आखिर आज न्याय मिल ही गयाः अजय राय

वहीं, फैसला आने के बाद कांग्रेसी नेता अजय राय ने कहा कि कोर्ट के फैसले से बहुत खुशी हो रही है. वह जिस न्याय के लिए लड़ रहे थे, आज वह मिल गया. उन्होंने कहा कि लंबे इंतजार के बाद मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने 10- 10 साल की सजा और 5-5 का जुर्माना लगाया है. अवधेश राय ने कहा कि पूर्व की सरकारों में मुकदमा काफी समय तक लंबित रहा और उनकी उदासीनता भी सामने आई, जिसके चलते इतना लंबा या मुकदमा चला है. आज जो न्यायपालिका ने फैसला सुनाया है, उसके लिए धन्यवाद देता हूं और फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसे अपराधियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

Last Updated : Dec 15, 2022, 6:02 PM IST
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