गाजीपुर: जिले के करीमुद्दीनपुर इलाके में रहने वाले किसान पंकज राय ने परंपरागत खेती के बजाय आधुनिक और ऑर्गेनिक खेती कर किसानों की छवि को बदलने का काम किया है. प्रगतिशील किसान पंकज ऑर्गेनिक खेती के जरिए खेतों की सब्जी को देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में निर्यात कर लागत का पांच गुना तक कमाई करते हैं.
प्रगतिशील किसान पंकज राय करीमुद्दीनपुर इलाके के निवासी हैं. पंकज ने 15 सालों पहले परंपरागत खेती करना शुरू किया, लेकिन इसमें लाभ न मिलने के चलते उन्होंने पिछले दो सालों से आधुनिक खेती करना शुरू किया है. पंकज अपने खेतों की सब्जी लंदन और सऊदी अरब तक भेजकर गाजीपुर के बाजार की कीमत के सापेक्ष 5 गुनी ज्यादा रकम कमा रहे हैं. उन्होंने अपने 10 एकड़ के खेतों में ऑर्गेनिक खेती करके लौकी, बिना बीज का खीरा, स्ट्रॉबेरी, लाल, पीला, हरा शिमला मिर्च, गोभी, टमाटर, लौकी, मटर सहित कई सब्जियां उगाई हैं.
कोरोना कॉल के दौरान सब्जियों को भेजा था विदेश
किसान पंकज राय ने बताया कि साल 2020 में जब लॉकडाउन का समय था और लोगों का व्यवसाय बंद हो गया था. उस समय गाजीपुर के किसान अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने के चलते फसलों को ट्रैक्टर से रौंद रहे थे. उस दौरान पंकज ने अपने खेतों की लौकी और खीरा को एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) के माध्यम से सऊदी अरब और लंदन भेजकर कीर्तिमान स्थापित किया था. उन्होंने बताया कि उन्हें मार्केट की जरूरत नहीं है, बल्कि वह खुद एक मार्केट हैं. लोग उनके फॉर्म हाउस से सब्जी खरीदकर ले जाते हैं.
उद्यान विभाग और कृषि विभाग का मिला सहयोग
पंकज ने ऑर्गेनिक खेती के लिए उद्यान विभाग और कृषि विभाग से भी सहयोग लिया है. इसके साथ ही सोशल प्लेटफॉर्म से भी आधुनिक खेती के बारे में जानकारी ली. इसी जानकारी के तहत उन्होंने पिछले साल स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की और आज एक फसल काटने के बाद स्ट्रॉबेरी की दूसरी खेती भी कर डाली है, जबकि यह स्ट्रॉबेरी आद्र मौसम में हुआ करती है.
दवाओं के छिड़काव से जहर बन रहीं सब्जियां
पंकज ने बताया कि परंपरागत खेती करने वाला किसान अपनी फसलों को कीटों से बचाने के लिए लगातार दवाओं का छिड़काव करता रहता है. इसके चलते उसकी खेती ऑर्गेनिक न होकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए जहर हो जाती है. पंकज ने कीटों से फसलों को बचाने के लिए नया तरीका निकाला है. अपने खेतों में सिंचाई की पाइप लाइन के माध्यम से पौधों की जड़ों में नीम के तेल की कड़वाहट पहुंचा देते हैं, जिससे उनके फसलों की पत्तियां कीटों के लिए कड़वी हो जाती हैं.
दूसरी तरफ उन्होंने अपने पाली हाउस में पीले और नीले रंग का प्लास्टिक का कागज टांग रखा है, जिस पर कुछ जेली जैसा पदार्थ डाल रखा है. उनका कहना है कि इस पाली हाउस में कोई प्रवेश करता है, तो उसके साथ आए कीट इस नीले और पीले रंग से आकर्षित हो जाते हैं. इसके बाद कीट पतंगे उस प्लास्टिक के कागज में जाते हैं और जेली से चिपक जाते हैं. इससे उनके पौधों को नुकसान नहीं होता है.
पारंपरिक खेती से नहीं होगा किसानों का उत्थान
पंकज राय के बताया कि इस आधुनिक खेती से वह अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसके साथ ही आस-पास के लोगों के लिए प्रेरणा भी बने हुए हैं. क्षेत्र के युवाओं को रोजगार देने का भी काम कर रहे हैं. इसी के चलते उनका फार्म हाउस लोगों के लिए पिकनिक स्पॉट बना हुआ है.