गाजीपुर: कोरोना संक्रमण काल में एंबुलेंस चालक कोरोना योद्धा बनकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर भारत की जनता ने इन कोरोना योद्धाओं का उत्साहवर्धन भी किया था. गाजीपुर में प्राइवेट एंबुलेंस चालकों से ईटीवी भारत के संवाददाता ने बातचीत की. इस दौरान इन कोरोना योद्धाओं ने बताया कि वे ड्यूटी के दौरान किस तरीके की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. एम्बुलेंस कर्मियों ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में भी वह अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं.
सरकार से ठेका व्यवस्था खत्म करने की गुजारिश
अपना दर्द बयान करते हुए ईटीवी भारत को उन्होंने बताया कि वह गोरखपुर के रहने वाले हैं, उनकी ड्यूटी गाजीपुर में लगाई गई है. प्रवीण कुमार का कहना था कि ज्यादातर प्राइवेट कर्मचारी छुट्टी पर हैं, वहीं हम ऐसे प्राइवेट कर्मचारी हैं जो जी-जान से जान से लगे हुए हैं. इसके बावजूद हम लोगों का कोई ठिकाना नहीं है. हमें भोजन कहां करना है, रात में कहां रुकना है इसका भी कोई ठिकाना नहीं है, लेकिन हम हर विषम परिस्थिति में केस उठाते हैं. उन्होंने सरकार से गुजारिश है कि ठेका प्रथा खत्म करके एंबुलेंस कर्मियों को सीएमओ के अंडर में कार्य करने के लिए रखा जाए.
मरीज का रखते हैं ध्यान
इसके साथ ही प्रवीण कुमार ने बताया कि भले ही सोशल डिस्टेंसिंग की एडवाइजरी हो, लेकिन हमें मरीज के साथ रहकर उसे अस्पताल लाना होता है ताकि उनका इलाज हो सके. कोरोना संक्रमण के बाद मरीज से परिवार के सदस्य दूरी बना लेते हैं, ऐसे में भी हम उनका ध्यान रखते हैं. इस दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है,लेकिन हम अपनी ड्यूटी निभाते हैं.
बना रहता है कोरोना से संक्रमण का खतरा
वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए एंबुलेंस चालक हरिराम यादव ने बताया कि काम करने में डर तो काफी लगता है, लेकिन जनता की सेवा के लिए हम लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जनता की समस्या के आगे हमारा डर कुछ भी नहीं. जब से 102 और 108 एंबुलेंस सेवा की शुरूआत हुई है, तब से हरिराम यादव एंबुलेंस चलाने का काम कर रहे हैं. तकरीबन 6 साल से वह इसी काम में लगे हुए हैं. इस दौरान जनता की सेवा के लिए परिवार का सहयोग भी मिलता है.