गाजीपुरः जिले में वर्ष 2001 में हुए उसरी चट्टी कांड के 22 साल हो चुके हैं. इस मामले में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के दो सहयोगियों की जमानत याचिका कोर्ट ने रद कर दी है. Manoj Rai मर्डर केस में माफिया मुख्तार के सहयोगी मोहम्दाबाद कस्बे के जफर खान चंदा और सरफराज मुन्नी को गिरफ्तार किया गया था. मनोज राय के पिता की शैलेंद्र राय की ओर से हत्या का मामला मोहम्दाबाद कोतवाली में पंजीकृत कराया गया था. इसी मामले में कोर्ट ने आरोपी जफर खान चंदा और सरफराज मुन्नी की जमानत याचिका खारिज कर दी. इसकी पुष्टि एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने की.
नीरज श्रीवास्तव ने बताया है कि बीते साल 2001 में उसरी चट्टी गोलीकांड मामले में मुख्तार अंसारी के काफिले पर गोली चली थी. इसमें मुख्तार अंसारी के एक सहयोगी और सरकारी गनर के साथ कुल तीन लोगों की मौत हुई थी. तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी ने माफिया बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के ऊपर अपने सहयोगी और सरकारी गनर की हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी. इस गोलीकांड में मनोज राय नामक व्यक्ति की भी हत्या गोली लगने से हुई थी.
मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय की ओर से मोहम्मदाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें जफर खान चंदा व सरफराज मुन्नी का नाम भी शामिल है. इस मामले की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इन दोनों आोरपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी.
ADGC नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में मुख्तार पर हमले में ब्रजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह आरोपित हैं. कुछ माह पहले मृतक मनोज राय के पिता ने मुख्तार व अन्य के खिलाफ बेेटे की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. उल्लेखनीय है कि जफर खान के खिलाफ मुहुम्मदाबाद कोतवाली के अलावा बाराबंकी में एंबुलेंस प्रकरण में भी मुकदमा दर्ज है, जिसमें वह जमानत पर था.
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