गाजीपुर: माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी गुरुवार को जेल से रिहा होकर अपने पैतृक आवास पहुंचे. जहां उन्होंने पहले से मौजूद अपने समर्थकों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि लोगों पर झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है. गौरतलब है, अफजाल अंसारी को गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट से गैंगेस्टर मामले में 4 साल की सजा हुई थी. हाइकोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक नहीं लगाई, लेकिन उनको जमानत दे दी है.
अफजाल अंसारी ने समर्थकों के बीच पहुंचकर कहा कि 'ये वो परिवार है जो मुल्क की आजादी के लिए लड़ा और कुर्बानियां दी. आज उसका ही सिला उनकों इन इल्जामों से मिल रहा है. उनपर नाजायज तरीके से जनता से अवैध धन वसूली करने और कमजोर लोगों की जमीन जायदाद पर कब्जा करने का इल्जाम लागा गया है. हमने और हमारे बाप दादा ने लोगों को बसाया है. जिन लोगों ने उनपर इल्जाम लगाया है, वो लोग गरीबों को गला घोंटने वाले हैं. 29 तारीख साजिश करने वालों की कामयाबी का दिन था और आज 27 तारीख दुआ करने वालों का दिन है'.
अफजाल अंसारी ने आगे कहा कि 'इल्जाम लगाने वालों के मंसूबे नाकाम हो गए है. लेकिन अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है, अभी उनको सुप्रीम कोर्ट जाना है. आजम खान और उनके बेटे के साथ भी इसी तरह के हालात बने थे. अभी इसी सप्ताह बीजेपी के एक एमपी को थाने में घुसकर मारपीट करने के आरोप में एक साल की सजा हुई है. ताकि एमपी की सदस्यता न रद्द हो और जेल न जाना पड़े. हुकूमत में बैठे जालिम चाहे जितना जुल्म ढहा लें, लेकिन कुदरत की ओर से एक विकल्प बन गया है. जो इनकी नींद हराम कर चुका है. विपक्ष तैयार हो चुका है, 2024 में किसी भी कीमत पर ये जालिम हुकूमत लौटकर नहीं आने वाली है. इनकी हुकूमत का खात्मा होना निश्चित है. इसके लिए कितने भी लोगों का गला काट दिया जाए, तब भी कुर्बानी देने को तैयार हैं'.
अफजाल अंसारी ने कहा कि 'उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकती है. अभी वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. राहुल गांधी को भी जमानत तो मिल गई लेकिन सदस्यता समाप्त हो गई. क्योंकि सजा 2 साल से ज्यादा की थी. सजा स्टे का आर्डर हाइकोर्ट ने नहीं दिया, इसीलिए राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट गए है.पूर्व विधायक ने कहा कि महंगाई, भ्रष्टाचार और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर कोई बात नहीं हो रही है. कुछ लोग आज भी गरीब और कमजोर को गुलाम की तरह सर झुकाकर जिंदगी जीने के लिए मजबूर देखना चाहते हैं. कुछ ऐसे भी है जो सताए हुए लोगों के साथ उनकी आवाज बनकर खड़े हो जाते हैं'.
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