गाजियाबाद: एक पिता की आंखों के आंसू भी सूख चुके हैं, लेकिन बेटा उनका नहीं मिल पाया. फिर भी पिता को उम्मीद है कि इनका बेटा जरूर वापस आएगा. हिंडन नदी में कोई भी शव मिलता है तो वह पिता तुरंत देखने पहुंच जाता है कि कहीं वह शव उनके बेटे का तो नहीं. जो बेटा इस उम्र में पिता का सहारा बनने वाला था, आज उसी बेटे की तलाश में वह पिता दर-दर की ठोकरें खा रहा है. मामला गाजियाबाद के सिहानी गेट इलाके का है.
हिंडन नदी के पास खेत पर काम करते हुए लापता
राजे नाम के इस बुजुर्ग का 19 वर्षीय बेटा तरुण पिछले एक हफ्ते से संदिग्ध हालत में लापता है. एक हफ्ते पहले हिंडन नदी के पास खेत पर काम करने गया तरुण कहां चला गया ये किसी को नहीं पता चला. हाल ही में हिंडन नदी में एक लाश मिली थी. बुजुर्ग पिता उस लाश को दिल पर पत्थर रखकर देखने पहुंचे. हालांकि राहत ये थी कि वह लाश तरुण की नहीं निकली. सिहानी गेट पुलिस को मामले की शिकायत दी गई है, लेकिन अब तक पुलिस भी इनके बेटे को नहीं तलाश पाई है.
ऑपरेशन खुशी से उम्मीद
पिछले 4 हफ्तों में गाजियाबाद पुलिस ने ऑपरेशन खुशी के तहत दर्जनों बच्चों को उनके परिवार से वापस मिलाया. कई बच्चों को पुलिस दूसरे राज्यों से भी तलाश कर वापस ले आई. ऐसे में पीड़ित पिता को उम्मीद है कि उनका बेटा भी ऑपरेशन खुशी के तहत पुलिस तलाश लाएगी. लेकिन पिता को अनहोनी का डर भी सता रहा है. इसलिए रातों की नींद और दिन का सुकून गायब हो गया है.