गाजीपुरः हिंदू रीति रिवाज से होने वाला विवाह तब तक अधूरा माना जाता है, जब तक सिंदूर दान नहीं हो जाता. लेकिन जिले के रॉयल पैलेस में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह (Chief Minister Mass Marriage) के तहत आलाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में 97 जोड़ों का विवाह बिना सिंदूर दान के संपन्न करवा दिया गया. बिना सिंदूर दान के सामूहिवक विवाह जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
बता दें कि जिले में बुधवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister Mass Marriage Scheme) के तहत 107 जोड़ों का विवाह संपन्न होना था. रॉयल पैलेस में आयोजित सामूहिक विवाह में 99 जोड़े पहुंचे, जिसमें 2 विशेष समुदाय के थे. इस सामूहिक विवाह में गायत्री परिवार के ब्राह्मण ने 97 हिंदू वर-वधु का पूरे विधि-विधान से विवाह संपन्न तो करा दिया, लेकिन सिंदूर दान नहीं कराया. इस बारे में जब नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह से पूछा गया तो उन्होंने सिंदूर दान नहीं होने की बात स्वीकार की. वहीं, मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता ने इस मामले को नकारते हुए कहा कि सभी कन्याओं का सिंदूर दान कराया गया है.
वहीं, जब इस मामले की गहराई से पड़ताल की गई तो सच्चाई सामने आ गयी. मामले की तहकीकात में पता चला कि विवाह की बाकी सभी रस्में तो घर पर होगी, यहां तो केवल सरकारी लाभ लेने के लिए विवाह की आधी अधूरी रस्मों को पूरा कराया गया है. कहीं न कहीं इस सामूहिक विवाह में सरकारी धन के बंदर बाट की बू आती हुई दिख रही है.
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बता दें कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह' योजना के अन्तर्गत कन्या के दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना के लिए 51000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है. जिसमें 35000 रुपये कन्या के बैंक खाते में भेजी जाती है. विवाह संस्कार के लिये आवश्यक सामग्री (कपड़े, बिछिया, चांदी के पायल एवं सात बर्तन) के लिए 10 हजार रुपये और कार्यक्रम के आयोजन के लिए 6 हजार रुपये की धनराशि व्यय की जाती है.