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भाई दूज: डासना जेल में बंद भाई से नहीं मिल सकीं बहनें, कोरोना को जमकर कोसा

भाई दूज के दिन गाजियाबाद की डासना जेल में बंद भाइयों से बहनें इस बार नहीं मिल सकीं. भाइयों के माथे पर तिलक नहीं कर पाने के कारण बहनों की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने कोरोना को जमकर कोसा. सभी यह प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कोरोना खत्म हो जाए.

डासना जेल.
डासना जेल.
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Published : Nov 17, 2020, 4:47 AM IST

गाजियाबाद: कोरोना की वजह से आज सैकड़ों बहनें भाई दूज के दिन अपने भाइयों से नहीं मिल पाईं. आंखों में आंसू लिए वो कई घंटों तक जेल के बाहर खड़ी रहीं. मामला गाजियाबाद की डासना जेल का है. जेल में बंद अपने कैदी भाइयों से मिलने और उनके माथे पर तिलक करने की उम्मीद लेकर ये बहनें डासना जेल आई थीं, लेकिन कोरोना काल की वजह से फिलहाल कैदियों से मुलाकात पर पाबंदी है. ऐसे में भाइयों के माथे पर तिलक लगाना तो दूर की बात थी. बहन भाई के इस त्योहार पर ये बहनें अपने भाई की एक झलक देख तक नहीं पाई. कई बहनों को इसी वजह से जेल के बाहर रोते हुए देखा गया.

भाई दूज पर भाइयों से मिलने पहुंची बहनें.
रेडियो बना सहाराऐसे में जेल प्रशासन ने इन बहनों को थोड़ी सी राहत जरूर प्रदान की. जेल रेडियो के माध्यम से जेल में बंद भाई और बाहर खड़ी उनकी बहनों का संदेश एक-दूसरे तक पहुंचाया जा सका. सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जेल के बाहर खड़ी इन बहनों को इसी से संतुष्ट होना पड़ा. इसके बाद आंखों में आंसू लिए भाई की झलक पाए बिना ही वे वापस चली गईं. हर बहन का एक-एक आंसू यही सवाल पूछ रहा था कि आखिर ये कोरोना कब जाएगा.

हर साल होती थी मुलाकात
जेल में बंद अपने भाई से बहनों की मुलाकात हर साल भाई दूज पर जरूर हुआ करती थी. इसके लिए सुबह से कतार लग जाती थी और दिन तक सभी बहनें अपने भाइयों से मिल लिया करती थीं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया. इसकी वजह कोरोना काल है. इसे बहनों ने जमकर कोसा. सभी यह प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कोरोना इस देश से खत्म हो जाए, ताकि फिर किसी बहन को भाई दूज के दिन इस तरह से मजबूर न होना पड़े.

गाजियाबाद: कोरोना की वजह से आज सैकड़ों बहनें भाई दूज के दिन अपने भाइयों से नहीं मिल पाईं. आंखों में आंसू लिए वो कई घंटों तक जेल के बाहर खड़ी रहीं. मामला गाजियाबाद की डासना जेल का है. जेल में बंद अपने कैदी भाइयों से मिलने और उनके माथे पर तिलक करने की उम्मीद लेकर ये बहनें डासना जेल आई थीं, लेकिन कोरोना काल की वजह से फिलहाल कैदियों से मुलाकात पर पाबंदी है. ऐसे में भाइयों के माथे पर तिलक लगाना तो दूर की बात थी. बहन भाई के इस त्योहार पर ये बहनें अपने भाई की एक झलक देख तक नहीं पाई. कई बहनों को इसी वजह से जेल के बाहर रोते हुए देखा गया.

भाई दूज पर भाइयों से मिलने पहुंची बहनें.
रेडियो बना सहाराऐसे में जेल प्रशासन ने इन बहनों को थोड़ी सी राहत जरूर प्रदान की. जेल रेडियो के माध्यम से जेल में बंद भाई और बाहर खड़ी उनकी बहनों का संदेश एक-दूसरे तक पहुंचाया जा सका. सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जेल के बाहर खड़ी इन बहनों को इसी से संतुष्ट होना पड़ा. इसके बाद आंखों में आंसू लिए भाई की झलक पाए बिना ही वे वापस चली गईं. हर बहन का एक-एक आंसू यही सवाल पूछ रहा था कि आखिर ये कोरोना कब जाएगा.

हर साल होती थी मुलाकात
जेल में बंद अपने भाई से बहनों की मुलाकात हर साल भाई दूज पर जरूर हुआ करती थी. इसके लिए सुबह से कतार लग जाती थी और दिन तक सभी बहनें अपने भाइयों से मिल लिया करती थीं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया. इसकी वजह कोरोना काल है. इसे बहनों ने जमकर कोसा. सभी यह प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कोरोना इस देश से खत्म हो जाए, ताकि फिर किसी बहन को भाई दूज के दिन इस तरह से मजबूर न होना पड़े.

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