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आंदोलन जारी रहेगा, कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं- टिकैत

कृषि कानून को लेकर हुई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा.

'कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं'
'कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं'
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Published : Jan 12, 2021, 6:36 PM IST

गाजियाबाद: कृषि कानून विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई है. साथ ही किसानों से बातचीत करने के लिए एक समिति गठित की है. सुनवाई के दौरान कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने अदालत को बताया कि किसानों का कहना है कि वे अदालत द्वारा गठित किसी भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे.

'कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं'

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी गठित की गई है. तमाम किसान संगठनों से बातचीत के बाद तय होगा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी का किसान हिस्सा होंगे या नहीं. पहले किसान नेता आपस में बातचीत करेंगे. उसके बाद ही आगे का रास्ता तय किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कृषि कानूनों को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, चार सदस्यीय कमेटी का गठन

राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती है तब तक किसानों की घर वापसी भी नहीं होगी. आंदोलन का स्थान भी नहीं बदला जाएगा. जब तक कानूनों की वापसी नही होती है किसान दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर को नहीं छोड़ेगा. 26 जनवरी को होने वाली परेड में किसान ट्रैक्टर लेकर शामिल होंगे.

गाजियाबाद: कृषि कानून विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई है. साथ ही किसानों से बातचीत करने के लिए एक समिति गठित की है. सुनवाई के दौरान कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने अदालत को बताया कि किसानों का कहना है कि वे अदालत द्वारा गठित किसी भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे.

'कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं'

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी गठित की गई है. तमाम किसान संगठनों से बातचीत के बाद तय होगा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी का किसान हिस्सा होंगे या नहीं. पहले किसान नेता आपस में बातचीत करेंगे. उसके बाद ही आगे का रास्ता तय किया जाएगा.

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राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती है तब तक किसानों की घर वापसी भी नहीं होगी. आंदोलन का स्थान भी नहीं बदला जाएगा. जब तक कानूनों की वापसी नही होती है किसान दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर को नहीं छोड़ेगा. 26 जनवरी को होने वाली परेड में किसान ट्रैक्टर लेकर शामिल होंगे.

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