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यूपी रोडवेज को मिली पहली महिला बस ड्राइवर, जानिए प्रियंका यहां तक पहुंचने का सफर

यूपी रोडवेज को अपनी पहली महिला बस ड्राइवर मिल गई. आज यूपी की पहली महिला बस ड्राइवर जब गाजियाबाद के कौशांबी बस डिपो पर बस लेकर पहुंची तो चारों तरफ उनकी चर्चा थी. लोग उनके वीडियो और फोटो बनाने लगे और व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करने लगे. (Priyanka Sharma became first woman driver of UP Roadways)

PRIYANKA SHARMA
PRIYANKA SHARMA
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Published : Dec 23, 2022, 7:58 PM IST

यूपी रोडवेज को मिली पहली महिला बस ड्राइवर.

नई दिल्ली/गाजियाबादः हर क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों की बराबरी कर रही हैं. इसी कड़ी में यूपी रोडवेज को अपनी पहली महिला बस ड्राइवर मिल गई. आज यूपी की पहली महिला बस ड्राइवर जब गाजियाबाद के कौशांबी बस डिपो पर बस लेकर पहुंची तो चारों तरफ उनकी ही चर्चा थी. लोग उनके वीडियो और फोटो बनाने लगे और व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करने लगे.

बता दें, प्रियंका शर्मा यूपी रोडवेज की पहली महिला बस ड्राइवर हैं. ट्रेनिंग लेकर उनके बतौर रोडवेज बस का ड्राइवर बनने तक की कहानी भी बेहद प्रेरणादायक है. पति के निधन के बाद आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रियंका ने रोडवेज बस का ड्राइवर बनने की ठान ली थी. कहते हैं कि जब किसी बात को दिल से ठान लिया जाए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता. प्रियंका ने यह साबित कर दिखाया है. आइए जानते हैं क्या कहती हैं यूपी रोडवेज बसों की पहली महिला ड्राइवर प्रियंका शर्मा. (Priyanka Sharma became first woman driver of UP Roadways)

प्रियंका ने बताया कि उन्हें बताया गया था कि आपके लाइसेंस की अवधि जब दो साल पूरी हो जाएगी तो आप को परमानेंट रूट पर बस चलाने का मौका मिलेगा. आज वह मेरठ से कौशांबी बस डिपो में बस लेकर पहुंची. प्रियंका शर्मा ने बातचीत में बताया कि वह अपनी ट्रेनिंग के दौरान भी कौशांबी से मेरठ, बरेली, ऋषिकेश, देहरादून जैसी जगहों पर खुद बस लेकर जाती थी. पहाड़ी इलाकों में भी वह बस को बखूबी चलाती हैं. उनके साथ बस में जो यात्री सफर करते हैं, उनकी सुरक्षा का भी वह पूरा ख्याल रखती है.

प्रियंका ने बताया कि 2016 में उनके पति की दोनों किडनी फेल हो गई थी, जिसके चलते उनका निधन हो गया. दो बच्चों की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. इसके बाद उन्होंने बतौर ड्राइवर अपना करियर आगे बढ़ाने की कोशिश शुरू की. उन्होंने पहले बतौर ट्रक ड्राइवर काम किया. इसके बाद उन्हें पता चला कि योगी सरकार ने रोडवेज बसों के ड्राइवर पद के लिए नियुक्तियां निकाली है. उन्हें इस बात को लेकर बिल्कुल भी संकोच नहीं हुआ कि वह एक महिला हैं. उन्होंने योगी सरकार में साल 2020 में निकली ड्राइवर पद की नियुक्तियों के लिए आवेदन किया था. 2022 में वह सिलेक्ट भी हो गई. फरवरी 2022 में उन्हें ट्रेनिंग मिली और 1 सितंबर को उन्हें जॉइनिंग लेटर मिल गया. तब से उनकी ट्रेनिंग ही चल रही थी.

योगी जी, मोदी जी का धन्यवादः प्रियंका शर्मा ने कहा कि कुछ लोग उन्हें कहते हैं कि आप महिला होकर क्यों इस फील्ड में आ गई, लेकिन मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देती. उन्होंने कहा कि मैं योगी जी और मोदी जी का धन्यवाद अदा करती हूं. प्रियंका ने कहा कि मैं विभाग में आई हूं तो मन लगाकर काम करूंगी.

प्रियंका शर्मा ने कहा कि आज अन्य महिलाए भी महिला रोडवेज बसों के ड्राइवर के तौर पर भी काम करने जा रही हैं. महिला अगर चाहेगी तो किसी भी फील्ड में वह पीछे नहीं रह सकती. 17 अन्य महिलाएं भी जल्द रोडवेज बसों को चलाती हुई और काम करती हुई दिखाई देंगी. उन्होंने कहा कि मैं सातवीं क्लास तक पढ़ी हुई हूं और बिहार की रहने वाली हूं. उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे भागलपुर के हॉस्टल में रहते हैं. सब कुछ बताते हुए उनकी आंखों में आंसू भी आ गए. वह इमोशनल हो गई.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली सरकार और LG के बीच तनातनीः डिप्टी CM सिसोदिया ने मंत्रिमंडल की अनदेखी को लेकर लिखा पत्र

थोड़ी ही देर में वायरल हो गई प्रियंकाः जब गाजियाबाद के कौशांबी बस डिपो पर पहुंची तो वहां पर लोग उनका वीडियो बनाने लगे. उनके विभाग के लोगों ने भी उनके वीडियो बनाए जिसे जमकर वायरल किया जाने लगा. उनकी तारीफ चारों तरफ हो रही है. उनसे लोग प्रेरणा भी ले रहे हैं. जाहिर है उन्होंने हिम्मत की एक ऐसी मिसाल कायम की है जिसकी चर्चा होना लाजमी भी है. आत्मनिर्भरता की एक नजीर हैं प्रियंका शर्मा.

ये भी पढ़ेंः भलस्वा दुष्कर्म मामले में महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस

यूपी रोडवेज को मिली पहली महिला बस ड्राइवर.

नई दिल्ली/गाजियाबादः हर क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों की बराबरी कर रही हैं. इसी कड़ी में यूपी रोडवेज को अपनी पहली महिला बस ड्राइवर मिल गई. आज यूपी की पहली महिला बस ड्राइवर जब गाजियाबाद के कौशांबी बस डिपो पर बस लेकर पहुंची तो चारों तरफ उनकी ही चर्चा थी. लोग उनके वीडियो और फोटो बनाने लगे और व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करने लगे.

बता दें, प्रियंका शर्मा यूपी रोडवेज की पहली महिला बस ड्राइवर हैं. ट्रेनिंग लेकर उनके बतौर रोडवेज बस का ड्राइवर बनने तक की कहानी भी बेहद प्रेरणादायक है. पति के निधन के बाद आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रियंका ने रोडवेज बस का ड्राइवर बनने की ठान ली थी. कहते हैं कि जब किसी बात को दिल से ठान लिया जाए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता. प्रियंका ने यह साबित कर दिखाया है. आइए जानते हैं क्या कहती हैं यूपी रोडवेज बसों की पहली महिला ड्राइवर प्रियंका शर्मा. (Priyanka Sharma became first woman driver of UP Roadways)

प्रियंका ने बताया कि उन्हें बताया गया था कि आपके लाइसेंस की अवधि जब दो साल पूरी हो जाएगी तो आप को परमानेंट रूट पर बस चलाने का मौका मिलेगा. आज वह मेरठ से कौशांबी बस डिपो में बस लेकर पहुंची. प्रियंका शर्मा ने बातचीत में बताया कि वह अपनी ट्रेनिंग के दौरान भी कौशांबी से मेरठ, बरेली, ऋषिकेश, देहरादून जैसी जगहों पर खुद बस लेकर जाती थी. पहाड़ी इलाकों में भी वह बस को बखूबी चलाती हैं. उनके साथ बस में जो यात्री सफर करते हैं, उनकी सुरक्षा का भी वह पूरा ख्याल रखती है.

प्रियंका ने बताया कि 2016 में उनके पति की दोनों किडनी फेल हो गई थी, जिसके चलते उनका निधन हो गया. दो बच्चों की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. इसके बाद उन्होंने बतौर ड्राइवर अपना करियर आगे बढ़ाने की कोशिश शुरू की. उन्होंने पहले बतौर ट्रक ड्राइवर काम किया. इसके बाद उन्हें पता चला कि योगी सरकार ने रोडवेज बसों के ड्राइवर पद के लिए नियुक्तियां निकाली है. उन्हें इस बात को लेकर बिल्कुल भी संकोच नहीं हुआ कि वह एक महिला हैं. उन्होंने योगी सरकार में साल 2020 में निकली ड्राइवर पद की नियुक्तियों के लिए आवेदन किया था. 2022 में वह सिलेक्ट भी हो गई. फरवरी 2022 में उन्हें ट्रेनिंग मिली और 1 सितंबर को उन्हें जॉइनिंग लेटर मिल गया. तब से उनकी ट्रेनिंग ही चल रही थी.

योगी जी, मोदी जी का धन्यवादः प्रियंका शर्मा ने कहा कि कुछ लोग उन्हें कहते हैं कि आप महिला होकर क्यों इस फील्ड में आ गई, लेकिन मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देती. उन्होंने कहा कि मैं योगी जी और मोदी जी का धन्यवाद अदा करती हूं. प्रियंका ने कहा कि मैं विभाग में आई हूं तो मन लगाकर काम करूंगी.

प्रियंका शर्मा ने कहा कि आज अन्य महिलाए भी महिला रोडवेज बसों के ड्राइवर के तौर पर भी काम करने जा रही हैं. महिला अगर चाहेगी तो किसी भी फील्ड में वह पीछे नहीं रह सकती. 17 अन्य महिलाएं भी जल्द रोडवेज बसों को चलाती हुई और काम करती हुई दिखाई देंगी. उन्होंने कहा कि मैं सातवीं क्लास तक पढ़ी हुई हूं और बिहार की रहने वाली हूं. उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे भागलपुर के हॉस्टल में रहते हैं. सब कुछ बताते हुए उनकी आंखों में आंसू भी आ गए. वह इमोशनल हो गई.

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थोड़ी ही देर में वायरल हो गई प्रियंकाः जब गाजियाबाद के कौशांबी बस डिपो पर पहुंची तो वहां पर लोग उनका वीडियो बनाने लगे. उनके विभाग के लोगों ने भी उनके वीडियो बनाए जिसे जमकर वायरल किया जाने लगा. उनकी तारीफ चारों तरफ हो रही है. उनसे लोग प्रेरणा भी ले रहे हैं. जाहिर है उन्होंने हिम्मत की एक ऐसी मिसाल कायम की है जिसकी चर्चा होना लाजमी भी है. आत्मनिर्भरता की एक नजीर हैं प्रियंका शर्मा.

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