गाजियाबाद: लाॅकडाउन के चलते जहां सरकार मजदूर गरीबों का पेट भरने के लिए राशन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति कर रही है. वहीं दूसरी ओर कुछ राशन एजेंसी संचालक कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां पीड़ित गर्भवती महिला उमा देवी ने कोटेदार पर आरोप लगाया है कि जब वह राशन लेने के लिए राशन संचालक के पास जाती हैं, तो वह उनको यह कह कर राशन देने से मना कर देता है कि आपके फिंगरप्रिंट मशीन में नहीं आ रहे हैं. इसके बाद जब वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों के फिंगरप्रिंट लगवाने के लिए वहां जाती हैं तो फिर भी वह उसको राशन नहीं देते.
उमा देवी का कहना है कि कई बार राशन एजेंसी संचालक ने उसे यह कह कर राशन देने से भी मना कर दिया कि आपका राशन कार्ड लिस्ट में से नाम कट चुका है, लेकिन जब उन्होंने इंटरनेट पर जाकर चेक करवाया तो उनका नाम सूची में था.
पीड़ित गर्भवती महिला की समस्या पर संज्ञान लेकर ईटीवी भारत की टीम ने मोदीनगर तहसीलदार उमाकांत तिवारी से जब फोन पर बात की. इस पर उनका कहना था कि वह उनकी इस समस्या का जल्दी ही समाधान करेंगे. उन्होंने आश्वस्त किया कि महिला को राशन जल्द मिलेगा.