नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में देखा गया तेंदुआ अब तक नहीं पकड़ा जा सका है. उसके अलग-अलग इलाकों में लगातार देखे जाने की खबरें आ रहीं हैं. गाजियाबाद में तेंदुए की दहशत इतनी ज्यादा है कि कई बार लोग कुत्ते को भी देखकर तेंदुआ समझकर डर जा रहे हैं (pretending dog as leopard). इसकी वजह से वन विभाग की मुश्किलें दोगुनी हो गईं हैं.
एक तरफ 17 नवंबर से गाजियाबाद के अलग-अलग इलाकों में घूम रहा तेंदुआ अब तक नहीं पकड़ा जा सका है तो वहीं अफवाहों का बाजार भी गर्म है. CCTV फुटेज में किसी भी जानवर को देखकर लोग उसे तेंदुआ समझ रहे हैं. वन विभाग (Forest Department Ghaziabad) को भी सूचना दे दी जाती है लेकिन बाद में पता चलता है कि तेंदुआ समझा गया जानवर कोई कुत्ता था.
हाल ही में गाजियाबाद की डासना जेल (Dasna Jail in Ghaziabad) स्टाफ आवास के आसपास संदिग्ध जानवर देखा गया. इसके बाद हड़कंप मच गया था. जेल में बंद कैदी और जेल प्रशासन से जुड़े लोग भी भयभीत हो गए थे. बाद में पता चला जानवर तेंदुआ नहीं था बल्कि कुत्ता था.
जेल से सटे जेल स्टाफ क्वार्टर परिसर में तेंदुआ घुस आने की खबर के बाद जेल का अलार्म सिस्टम एक्टिव कर दिया गया था. इसके अलावा जेल की सुरक्षा में लगे स्टाफ को अलर्ट किया गया कि वह आते-जाते समय सावधानी रखें.
वहीं, जेल लाइन परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने चम्मच से थाली बजाई ताकि तेज आवाज होने पर तेंदुआ भाग जाए. इस बात की खबर जेल में बंद कैदियों को भी लगी जिससे हड़कंप मच गया.
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हालांकि, कैदियों को बता दिया गया कि डरने की जरूरत नहीं है. जेल पूरी तरह सुरक्षित है. जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो CCTV फुटेज देखा गया. सीसीटीवी में संदिग्ध जानवर को ही तेंदुआ बताया जा रहा था लेकिन ध्यान से देखने पर पता चला कि वह तेंदुआ नहीं बल्कि कुत्ता था. इस तरह से तेंदुआ होने की गलत खबरें वन विभाग को कई जगहों से मिली हैं.
गाजियाबाद में ही क्यों आते हैं तेंदुए
गाजियाबाद डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर दीक्षा भंडारी का कहना है कि सर्दियों में एनिमल्स की मूवमेंट ज्यादा होती है. गाजियाबाद में तेंदुए के आने की मुख्य वजह जिले के पास में दादरी NTPC और गढ़मुक्तेश्वर में फॉरेस्ट एरिया होने की वजह है. यहीं से ये तेंदुए गाजियाबाद में आते हैं. इसके अलावा गाजियाबाद को तेंदुए काफी सेफ मानते हैं क्योंकि यहां पर नदियां, नहर और हरियाली क्षेत्र काफी अधिक है. सर्दियों के सीजन में तेंदुए रेस्ट करते हैं और ऐसी ही जगह की तलाश करते हैं.
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पहली बार 17 नवंबर को तेंदुए को राजनगर इलाके में देखा गया था. इसके बाद वन विभाग की टीम उसे पकड़ने के लिए पहुंची थी लेकिन तब तक तेंदुआ मौके से गायब हो गया था. उसे बाद में संजय नगर, मधुबन बापूधाम, डासना के अलावा दोबारा राजनगर में देखा गया था.
मगर वह पकड़ा नहीं जा सका है. तेंदुए की दहशत सभी इलाकों में बढ़ती जा रही है. वन विभाग का दावा है कि आसमान के जरिए ड्रोन से भी निगाह बनाकर तेंदुए को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
इसके लिए बकायदा पिंजरे भी लगाए गए हैं. दरअसल, तेंदुआ न पकड़े जाने से लोग इतने दहशत में हैं कि वह किसी भी जानवर को तेंदुआ समझ कर डर जा रहे हैं.