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गाजियाबाद: स्कूल खोलने की चल रही चर्चा से अभिभावक नाराज, विरोध की तैयारी - ghaziabad news

गाजियाबाद में अभिभावक जुलाई में स्कूल खुलने को लेकर चिंतित हैं और इसका विरोध जता रहे हैं. डीपीएस अभिभावक वेलफेयर संगठन की अध्यक्ष प्रियंका राणा ने कहा कि सरकार को जुलाई में स्कूल खोलने के फैसले पर दोबारा विचार करना होगा.

स्कूल में टीचर के साथ बच्चे.
स्कूल में टीचर के साथ बच्चे.
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Published : Jun 4, 2020, 1:19 PM IST

गाजियाबाद: देश के कई हिस्सों में जुलाई महीने से स्कूल खोले जाने की चर्चा चल रही है, जिसका अभिभावकों ने विरोध जताया है. उनका कहना है कि अभी हमारा देश बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है. स्कूल खोले जाने से बच्चों पर बड़ा संकट आ सकता है.

डीपीएस अभिभावक वेलफेयर संगठन की अध्यक्ष प्रियंका राणा ने कहा कि भले ही हरियाणा में स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो गई हो, लेकिन ये ठीक नहीं है. सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे छोटे बच्चों को खतरे में नहीं डाल सकते.

सरकार लेगी जिम्मेदारी?
पेरेंट्स एसोसिएशन सवाल उठा रहे हैं कि अगर बच्चों को स्कूल में कुछ हो जाता है तो क्या उसकी जिम्मेदारी सरकार लेगी. जो बच्चे खुद खाना नहीं खा सकते वह कैसे कोरोना के प्रिकॉशंस को फॉलो करेंगे. बच्चों की जान दांव पर नहीं लगानी चाहिए और अभी थोड़ा वक्त स्कूल खोलने के लिए दिया जाना चाहिए. देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

14 जून को प्रोटेस्ट की तैयारी
स्कूल खोलने की चर्चा को लेकर 14 जून को अभिभावक प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. सरकार से अभिभावकों की दो मांगे हैं. पहली मांग है कि लॉकडाउन के दौरान फीस माफ की जानी चाहिए. दूसरी मांग है कि इस समय स्कूलों को नहीं खोला जाना चाहिए.

गाजियाबाद: देश के कई हिस्सों में जुलाई महीने से स्कूल खोले जाने की चर्चा चल रही है, जिसका अभिभावकों ने विरोध जताया है. उनका कहना है कि अभी हमारा देश बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है. स्कूल खोले जाने से बच्चों पर बड़ा संकट आ सकता है.

डीपीएस अभिभावक वेलफेयर संगठन की अध्यक्ष प्रियंका राणा ने कहा कि भले ही हरियाणा में स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो गई हो, लेकिन ये ठीक नहीं है. सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे छोटे बच्चों को खतरे में नहीं डाल सकते.

सरकार लेगी जिम्मेदारी?
पेरेंट्स एसोसिएशन सवाल उठा रहे हैं कि अगर बच्चों को स्कूल में कुछ हो जाता है तो क्या उसकी जिम्मेदारी सरकार लेगी. जो बच्चे खुद खाना नहीं खा सकते वह कैसे कोरोना के प्रिकॉशंस को फॉलो करेंगे. बच्चों की जान दांव पर नहीं लगानी चाहिए और अभी थोड़ा वक्त स्कूल खोलने के लिए दिया जाना चाहिए. देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

14 जून को प्रोटेस्ट की तैयारी
स्कूल खोलने की चर्चा को लेकर 14 जून को अभिभावक प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. सरकार से अभिभावकों की दो मांगे हैं. पहली मांग है कि लॉकडाउन के दौरान फीस माफ की जानी चाहिए. दूसरी मांग है कि इस समय स्कूलों को नहीं खोला जाना चाहिए.

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