ETV Bharat / state

निठारी कांड: FIR कराकर बयान से मुकरने वाला नंदलाल दोषी करार, 31 मई को सज़ा का एलान

बहुचर्चित निठारी कांड में पहली FIR दर्ज कराने के बाद अपने बयानों से मुकरने वाले मृतका पायल के पिता नंदलाल को अदालत ने दोषी करार दिया है. ग़ाज़ियाबाद की ACJM कोर्ट-3 ने धारा 193/199 IPC में नंदलाल को दोषी पाया है. उसके खिलाफ 31 तारीख को सजा सुनाई जाएगी.

निठारी कांड
निठारी कांड
author img

By

Published : May 27, 2022, 10:39 PM IST

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : बहुचर्चित निठारी कांड में पहली FIR दर्ज कराने वाला मृतका पायल का पिता नंदलाल दोषी करार दिया गया है. अपने बयानों से मुकरने वाले नंदलाल को अदालत ने दोषी करार दिया है. ग़ाज़ियाबाद की ACJM कोर्ट-3 ने धारा 193/199 IPC में नंदलाल को दोषी पाया है. 14 मई को नंदलाल के अधिवक्ता ने कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. फिलहाल दोषी नंदलाल को गिरफ्तार करके जेल में रखा गया है. इस सेक्शन में अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है.

जानकारी देते अधिवक्ता खालिद खान.
6 जुलाई 2007 को नन्दलाल ने कोर्ट में बयान दिया था कि मनिन्दर सिंह पंढेर ने मेरे सामने सभी हत्याएं करने का जुर्म कबूल किया था और मेरे सामने ही मनिन्दर सिंह पंढेर व सुरेन्द्र कोली ने हत्याओं में इस्तेमाल आरी बरामद कराई थी. नंदलाल के इन बयानों के आधार पर ही पंढेर को हत्या का अतिरिक्त आरोपी भी बनाया गया था, लेकिन इसके बाद नन्दलाल ने पंढेर को बचाने के लिए 15 नवम्बर 2007 को बयान बदल दिया.

कोर्ट में दिए अपने नए बयान में उसने कहा कि पंढेर ने न तो मेरे सामने आरी बरामद कराई और न ही हत्याएं करने का जुर्म ही कबूल किया था. मैंने पहले वाला बयान अपने वकील ख़ालिद ख़ान के कहने पर दिया था. उसके इसी बयान के आधार पर पंढेर फांसी की सजा से बच गया.


नंदलाल के बयान बदलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन सीबीआई न्यायाधीश रमा जैन ने वादी बनकर नंदलाल के खिलाफ कोर्ट में बयान से मुकरने का मामला IPC सेक्शन 193 के तहत दर्ज कराया था. इसी मामले में नंदलाल को दोषी करार दिया गया है. उसके खिलाफ 31 तारीख को सजा सुनाई जाएगी.

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : बहुचर्चित निठारी कांड में पहली FIR दर्ज कराने वाला मृतका पायल का पिता नंदलाल दोषी करार दिया गया है. अपने बयानों से मुकरने वाले नंदलाल को अदालत ने दोषी करार दिया है. ग़ाज़ियाबाद की ACJM कोर्ट-3 ने धारा 193/199 IPC में नंदलाल को दोषी पाया है. 14 मई को नंदलाल के अधिवक्ता ने कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. फिलहाल दोषी नंदलाल को गिरफ्तार करके जेल में रखा गया है. इस सेक्शन में अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है.

जानकारी देते अधिवक्ता खालिद खान.
6 जुलाई 2007 को नन्दलाल ने कोर्ट में बयान दिया था कि मनिन्दर सिंह पंढेर ने मेरे सामने सभी हत्याएं करने का जुर्म कबूल किया था और मेरे सामने ही मनिन्दर सिंह पंढेर व सुरेन्द्र कोली ने हत्याओं में इस्तेमाल आरी बरामद कराई थी. नंदलाल के इन बयानों के आधार पर ही पंढेर को हत्या का अतिरिक्त आरोपी भी बनाया गया था, लेकिन इसके बाद नन्दलाल ने पंढेर को बचाने के लिए 15 नवम्बर 2007 को बयान बदल दिया.

कोर्ट में दिए अपने नए बयान में उसने कहा कि पंढेर ने न तो मेरे सामने आरी बरामद कराई और न ही हत्याएं करने का जुर्म ही कबूल किया था. मैंने पहले वाला बयान अपने वकील ख़ालिद ख़ान के कहने पर दिया था. उसके इसी बयान के आधार पर पंढेर फांसी की सजा से बच गया.


नंदलाल के बयान बदलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन सीबीआई न्यायाधीश रमा जैन ने वादी बनकर नंदलाल के खिलाफ कोर्ट में बयान से मुकरने का मामला IPC सेक्शन 193 के तहत दर्ज कराया था. इसी मामले में नंदलाल को दोषी करार दिया गया है. उसके खिलाफ 31 तारीख को सजा सुनाई जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.