नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग की ज़ुबान गाजियाबाद के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में कई बार फिसली. सबसे पहले उन्होंने इलाके में कहा कि 'मैं गुस्से में हूं और मेरे सीने में आग जल रही है'. इसके बाद उन्होंने यहां तक कह डाला कि 'मैं बिरयानी खिलाने नहीं आया हूं, आप लोग तो बिरयानी खिलाने वालों को वोट देते हैं'. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों ने तो मुझे वोट तक ही नहीं दिया था, लेकिन फिर भी यूपी में सबसे ज्यादा राशन मुस्लिम समाज के लोगों को ही मिला है. मुस्लिम बहुल क्षेत्र में सभा को संबोधित कर रहे नेताजी ने यह भी कहा इलाके की जमीन हमारे दादा द्वारा ही लिखी गई है. मंत्री जी यही नहीं रुके, उनकी कही एक-एक बात जमकर वायरल हो रही है, जिस पर लोग चुटकी ली रहे हैं.
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उन्होंने कहा हमारी सरकार में जितनी आसानी से राशन मिलता है, उतनी आसानी से समाजवादी पार्टी में नहीं मिलता था. उन्होंने इस दौरान यह भी कह दिया कि तत्कालीन समाजवादी के जिला अध्यक्ष के टाइम में बिना मीटर के बिजली मिलती थी. इस बात का फायदा सिर्फ वह चंद लोग उठाते थे जिनके नाम के आगे मुस्लिम लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में हमारे राज में दवाई आसानी से मिलती है. इलाज आसानी से मिल जाता है. यह सभी बातें उन्होंने सवाल के रूप में जनता से पूछीं.
उन्होंने पूछा कि क्या हिंदू और मुसलमान के बीच में हमारी सरकार ने कोई फर्क किया? उन्होंने कहा कि आप के एमएलए से जब आप लोग बात करते हैं, तो आपको उसका सही जवाब मिलता है. उन्होंने कहा कि 'बहुत से मुसलमान मेरे घर पर इसलिए नहीं आते हैं, क्योंकि अतुल गर्ग को उन्होंने वोट नहीं दिया'. नेता जी ने कहा कि वह घर मेरा नहीं है, वह घर दिनेश चंद्र गर्ग का घर है जो मेरे पिताजी थे. वहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटा 'मैं तो सिर्फ उस घर का चौकीदार हूं'.
उन्होंने कहा कि जितना राशन हिंदुओं को मिला है, उससे ज्यादा राशन मुसलमानों को दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में मुस्लिमों को प्रॉपर इलाज मिलता है. उन्होंने कहा कि 'मैं यहां भाषण देने नहीं आया हूं, एक-एक बात समाज से आमने-सामने करने आया हूं'. उन्होंने कहा इलेक्शन में अभी एक से डेढ़ महीना है. उन्होंने आग्रह किया कि अपने मोहल्लों में मुझे बुलाओ, लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि मैं वोट की मजबूरी में आपसे बात नहीं कर रहा हूं. मैं कांग्रेस का नेता केके शर्मा नहीं हूं. मैं कोई वोटों का लालच देकर आपको बिरयानी खिलाने नहीं आया हूं, लेकिन जब बिरयानी वाले हार जाते हैं, तो कहां जाते हैं यह किसी को नहीं पता. उन्होंने लोगों को दो टूक कह दिया कि अगर आपने बिरयानी के बदले में वोट दिया है, तो यह आपकी परेशानी है.