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गाजियाबाद: लॉकडाउन के कारण रमजान के महीने में भी नहीं बिक रहा दूध - कोविड19

कोरोना वायरस महामारी के देशव्यापी लॉकडाउन ने सभी की समस्याएं बढ़ा दी हैं. अब इनसे दूध विक्रेता भी अछूते नहीं हैं. रमजान के महीने में भी डेयरी संचालकों के अनुसार दूध की बिक्री घटकर 40 प्रतिशत रह गई है.

milk is not selling due to lockdown
milk is not selling due to lockdown
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Published : May 2, 2020, 12:51 PM IST

गाजियाबाद: लॉकडाउन के कारण रमजान के महीने में शहरी क्षेत्रों में दूध बूथ संचालकों को काफी नुकसान हो रहा है. उनका कहना है कि दूध ना बिक पाने की वजह से उनकी बिक्री घटकर 40% रह गई है.

लॉकडाउन के कारण दूध की ब्रिकी में कमी.

लाॅकडाउन के बीच मुस्लिम समुदाय के रमजान का पाक महीना चल रहा हैं. आम दिनों में रमजान के महीने में दूध की काफी मांग होती है. ऐसे में शहरी क्षेत्रों में दूध बूथ संचालकों को सरकार से उम्मीद थी कि 3 मई के बाद सरकार लाॅकडाउन खत्म कर देगी, जिससे की रमजान में उनके दूध की अच्छी ब्रिकी होगी. लेकिन अब लाॅकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है.

इसे भी पढ़ें- LOCKDOWN: घर बना स्कूल, ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चे

लाॅकडाउन बढ़ने के बाद गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में दूध बूथ संचालकों से ईटीवी भारत ने इसी सिलसिले में खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के चलते बाजार में छोटे दुकानदारों की दुकानें ज्यादा समय तक नहीं खुल पाती हैं.

जिसकी वजह से उनकी दूध की बिक्री पर फर्क पड़ा है. रमजान के महीने में सुबह का दूध बिकना भी बंद हो गया है सिर्फ शाम को ही थोड़ी बहुत दूध की बिक्री हो पाती है. उन्होंने आगे कही कि लाॅकडाउन के चलते लोगों के रोजगार पर भी फर्क पड़ा है. ग्रामीण क्षेत्रों से काफी कम कीमत पर दूध आ रहा है. लेकिन फिलहाल दूध कम्पनियों ने अपनी ओर से दूध के पैकेट की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. दूध की बिक्री पर फर्क पड़ने से वह अपने कर्मचारियों की तनख्वाह भी नहीं निकाल पा रहे हैं.

गाजियाबाद: लॉकडाउन के कारण रमजान के महीने में शहरी क्षेत्रों में दूध बूथ संचालकों को काफी नुकसान हो रहा है. उनका कहना है कि दूध ना बिक पाने की वजह से उनकी बिक्री घटकर 40% रह गई है.

लॉकडाउन के कारण दूध की ब्रिकी में कमी.

लाॅकडाउन के बीच मुस्लिम समुदाय के रमजान का पाक महीना चल रहा हैं. आम दिनों में रमजान के महीने में दूध की काफी मांग होती है. ऐसे में शहरी क्षेत्रों में दूध बूथ संचालकों को सरकार से उम्मीद थी कि 3 मई के बाद सरकार लाॅकडाउन खत्म कर देगी, जिससे की रमजान में उनके दूध की अच्छी ब्रिकी होगी. लेकिन अब लाॅकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया है.

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लाॅकडाउन बढ़ने के बाद गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में दूध बूथ संचालकों से ईटीवी भारत ने इसी सिलसिले में खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के चलते बाजार में छोटे दुकानदारों की दुकानें ज्यादा समय तक नहीं खुल पाती हैं.

जिसकी वजह से उनकी दूध की बिक्री पर फर्क पड़ा है. रमजान के महीने में सुबह का दूध बिकना भी बंद हो गया है सिर्फ शाम को ही थोड़ी बहुत दूध की बिक्री हो पाती है. उन्होंने आगे कही कि लाॅकडाउन के चलते लोगों के रोजगार पर भी फर्क पड़ा है. ग्रामीण क्षेत्रों से काफी कम कीमत पर दूध आ रहा है. लेकिन फिलहाल दूध कम्पनियों ने अपनी ओर से दूध के पैकेट की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. दूध की बिक्री पर फर्क पड़ने से वह अपने कर्मचारियों की तनख्वाह भी नहीं निकाल पा रहे हैं.

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