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गाजियाबाद: ट्रकों में भेजे जा रहे प्रवासी श्रमिक

गाजियाबाद प्रशासन और पुलिस लगातार प्रयास कर रही है कि मजदूरों को जल्द से जल्द उनके घरों को भिजवाया जाए, क्योंकिट्रकों में भिजवाने से इनकी जान जोखिम में आ सकती है. जिले में भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को नेशनल हाईवे-9 पर ट्रक में भरकर आश्रय स्थलों पर जाते देखा गया.

ट्रकों में भेजे जा रहे प्रवासी श्रमिक
ट्रकों में भेजे जा रहे प्रवासी श्रमिक
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Published : May 19, 2020, 9:18 PM IST

गाजियाबाद: लगातार दूसरे दिन भी गाजियाबाद में परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को नेशनल हाईवे-9 पर देखा गया. लेकिन हैरत इस बात की है कि इन प्रवासी मजदूरों को ट्रक में भरकर आश्रय स्थलों पर भेजा गया.

ट्रकों में भेजे जा रहे प्रवासी श्रमिक

हालांकि पुलिस के सामने मजबूरी ये है कि इनकी व्यवस्था कैसे कराई जाए. प्रशासन और पुलिस लगातार प्रयास कर रहे हैं कि मजदूरों को जल्द से जल्द उनके होमटाउन भिजवाया जाए, क्योंकि ट्रकों में भिजवाने से इनकी जान जोखिम में आ सकती है.

विजयनगर बाईपास का मामला
इन मजदूरों को आज सुबह विजय नगर बाईपास के पास देखा गया. मजदूरों का कहना था कि ट्रक में 50 के करीब मजदूरों को ले जाया जा रहा है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं बन पा रही है. लेकिन मजदूरों के सामने मुश्किल ये है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है. इसलिए वो किसी भी व्यवस्था से जाने को तैयार हो रहे हैं. पुलिस के सामने चुनौती ये है कि किसी भी हालत में प्रवासी मजदूर रोड पर ना दिखाई दे. ऐसे में उन्हें आश्रय स्थलों तक भेजा जा रहा है.

बसों की कमी बनी मजबूरी
सामान्य रूप से रोड पर अभी बसें नहीं चली हैं, इसलिए जो बस दिखाई देती है, उसे रोककर ही मजदूरों को बसों में भेजा जा सकता है. लेकिन बसें नहीं होने से मजबूरी ये है कि उन्हें पैदल आश्रय स्थल तक भेजना भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. दरअसल इन लोगों को रोड से होकर गुजरना होगा जबकि रोड से पैदल जाने की इजाजत नहीं है.

गाजियाबाद: लगातार दूसरे दिन भी गाजियाबाद में परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को नेशनल हाईवे-9 पर देखा गया. लेकिन हैरत इस बात की है कि इन प्रवासी मजदूरों को ट्रक में भरकर आश्रय स्थलों पर भेजा गया.

ट्रकों में भेजे जा रहे प्रवासी श्रमिक

हालांकि पुलिस के सामने मजबूरी ये है कि इनकी व्यवस्था कैसे कराई जाए. प्रशासन और पुलिस लगातार प्रयास कर रहे हैं कि मजदूरों को जल्द से जल्द उनके होमटाउन भिजवाया जाए, क्योंकि ट्रकों में भिजवाने से इनकी जान जोखिम में आ सकती है.

विजयनगर बाईपास का मामला
इन मजदूरों को आज सुबह विजय नगर बाईपास के पास देखा गया. मजदूरों का कहना था कि ट्रक में 50 के करीब मजदूरों को ले जाया जा रहा है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं बन पा रही है. लेकिन मजदूरों के सामने मुश्किल ये है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है. इसलिए वो किसी भी व्यवस्था से जाने को तैयार हो रहे हैं. पुलिस के सामने चुनौती ये है कि किसी भी हालत में प्रवासी मजदूर रोड पर ना दिखाई दे. ऐसे में उन्हें आश्रय स्थलों तक भेजा जा रहा है.

बसों की कमी बनी मजबूरी
सामान्य रूप से रोड पर अभी बसें नहीं चली हैं, इसलिए जो बस दिखाई देती है, उसे रोककर ही मजदूरों को बसों में भेजा जा सकता है. लेकिन बसें नहीं होने से मजबूरी ये है कि उन्हें पैदल आश्रय स्थल तक भेजना भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. दरअसल इन लोगों को रोड से होकर गुजरना होगा जबकि रोड से पैदल जाने की इजाजत नहीं है.

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