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किसान ने सरकार से लगाई गुहार, कहा-मांग नहीं मानी गई तो परिवार के साथ करेंगे आत्मदाह

दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे गाजियाबाद के किसान का कहना है कि उनकी मांग नहीं मांगी गई, तो परिवार के साथ आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे.

किसान ने सरकार से लगाई गुहार.
किसान ने सरकार से लगाई गुहार.
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Published : Dec 24, 2021, 12:31 PM IST

नई दिल्ली: गाजियाबाद के करीब ककराना, मोदीनगर के रहने वाले पीड़ित किसान सुधीर चौधरी को इन दिनों जान के लाले पड़े हैं. हालत ये है कि उन्हें यूपी से अपने परिवार की जान बचाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर आकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से गुहार लगानी पड़ रही है. मीडिया के समक्ष आकर पीड़ित किसान ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 26 जनवरी तक अगर हमारी मांग नहीं सुनी गई, तो पूरे परिवार आत्मदाह कर लेगा.


पीड़ित ने कच्ची कॉलोनी के धंधेबाज़ों यानी कुछ कॉलोनाइजरों के झांसे में आकर अपनी ज़मीन पर कॉलोनी काटने की छूट दे दी. असल में सुधीर चौधरी को करीब चार साल पहले कुछ कॉलोनाइज़रों ने उनकी पुश्तैनी ज़मीन पर कॉलोनी काटने का ऑफर दिया. साथ में ये भरोसा भी दिया कि वो गाज़ियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) से उनकी ज़मीन पर कटने वाली कॉलोनी को लीगलाइज़्ड करा लेंगे. पीड़ित ने आरोप लगाया कि इसके बाद कॉलोनाइज़रों ने औने-पौने क़ीमत पर उनकी करोड़ों की ज़मीन हड़प कर ली और उन्हें अलग-अलग लोगों को बेचना शुरू कर दिया. बाक़ी के पैसे मांगने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे.

इसे भी पढ़ें-Omicron काे लेकर अलर्ट: गाजियाबाद में कल से शुरू हो रहा सीरो सर्वे



पीड़ित ने आरोप लगाया कि कुछ मामलों में ज़मीन का एक ही हिस्सा दो या फिर उससे ज़्यादा लोगों को ग़लत तरीक़े से बेच दिया गया. कॉलोनाइज़र खुद इस खेल में ना फंसें, इसलिए उन्होंने कागज़ों पर सुधीर चौधरी को ही ज़मीन का मालिक दिखाया. जब पीड़ित ने कॉलोनाइज़रों से हक के पैसे मांगे, तो उन्हें बुरे अंजाम भुगतने की धमकी दी गई. अचानक एक दिन उनकी एक ही ज़मीन दो लोगों को बेचने के जुर्म में उनके खिलाफ़ धोखाधड़ी का मुकदमा हो गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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नई दिल्ली: गाजियाबाद के करीब ककराना, मोदीनगर के रहने वाले पीड़ित किसान सुधीर चौधरी को इन दिनों जान के लाले पड़े हैं. हालत ये है कि उन्हें यूपी से अपने परिवार की जान बचाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर आकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से गुहार लगानी पड़ रही है. मीडिया के समक्ष आकर पीड़ित किसान ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 26 जनवरी तक अगर हमारी मांग नहीं सुनी गई, तो पूरे परिवार आत्मदाह कर लेगा.


पीड़ित ने कच्ची कॉलोनी के धंधेबाज़ों यानी कुछ कॉलोनाइजरों के झांसे में आकर अपनी ज़मीन पर कॉलोनी काटने की छूट दे दी. असल में सुधीर चौधरी को करीब चार साल पहले कुछ कॉलोनाइज़रों ने उनकी पुश्तैनी ज़मीन पर कॉलोनी काटने का ऑफर दिया. साथ में ये भरोसा भी दिया कि वो गाज़ियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) से उनकी ज़मीन पर कटने वाली कॉलोनी को लीगलाइज़्ड करा लेंगे. पीड़ित ने आरोप लगाया कि इसके बाद कॉलोनाइज़रों ने औने-पौने क़ीमत पर उनकी करोड़ों की ज़मीन हड़प कर ली और उन्हें अलग-अलग लोगों को बेचना शुरू कर दिया. बाक़ी के पैसे मांगने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे.

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पीड़ित ने आरोप लगाया कि कुछ मामलों में ज़मीन का एक ही हिस्सा दो या फिर उससे ज़्यादा लोगों को ग़लत तरीक़े से बेच दिया गया. कॉलोनाइज़र खुद इस खेल में ना फंसें, इसलिए उन्होंने कागज़ों पर सुधीर चौधरी को ही ज़मीन का मालिक दिखाया. जब पीड़ित ने कॉलोनाइज़रों से हक के पैसे मांगे, तो उन्हें बुरे अंजाम भुगतने की धमकी दी गई. अचानक एक दिन उनकी एक ही ज़मीन दो लोगों को बेचने के जुर्म में उनके खिलाफ़ धोखाधड़ी का मुकदमा हो गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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