गाजियाबाद: बदमाशों के हमले में घायल पत्रकार विक्रम जोशी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. सोमवार रात पत्रकार पर बदमाशों ने हमला कर दिया था. जिस समय पत्रकार पर हमला हुआ था, उस समय पत्रकार की साहसी बेटियां मौके पर ही मौजूद थी. वह चीख पुकार मचाकर अपने पिता को बचाने की भी कोशिश कर रही थी और मदद के लिए भी गुहार लगा रही थी. घटना को लेकर विक्रम जोशी की बेटी ने बताया कि मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.
पापा को बचाने नहीं आया कोई
सीसीटीवी में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पत्रकार को 6 से 7 लोग मिलकर पत्रकार को मारने की कोशिश कर रहे थे. पत्रकार पर रॉड से हमला किया जा रहा था और अंत में उन पर गोली चला दी जाती है. जैसे ही हमला शुरू होता है पत्रकार के साथ मौजूद दोनों बेटियां मौके से इधर-उधर भागती है. जब बेटियां मदद के लिए चिल्ला रही थी तो लोगों ने अपने घरों से बाहर देखना शुरू किया, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया.
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित परिवार ने आरोप यह भी लगाया है कि पुलिस वालों से मिलने के बाद ही आरोपी मौके पर पहुंचे थे. शायद इसीलिए पुलिस मौके पर नहीं आई. लेकिन साहसी बेटियां हिम्मत से अपने पिता को बचाने की कोशिश करती रही थी, जिसमें बड़ी बेटी की मुख्य भूमिका रही है.
दिवंगत पत्रकार की बेटी ने यह भी बताया है कि जिस समय यह सब हुआ उस समय एक अंकल वहां से निकल कर जा रहे थे. उन्होंने वारदात होते हुए देखी और उनसे पूछा कि यह वही पत्रकार है न. बेटी ने बताया हां यह मेरे पापा हैं और यह वही पत्रकार हैं. लेकिन वह अंकल बिना मदद किए आगे चले गए. इसके बाद इन्हीं बेटियों ने अपनी बुआ के घर जाकर सब कुछ बताया और फिर बाइक पर ही पत्रकार को अस्पताल ले जाया जाया गया.