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गाजियाबाद: करंट से कांवड़िए की मौत पर प्रशासन हुआ सख्त, दर्ज किए तीन मुकदमे

गाजियाबाद में एक कांवड़िए की करंट लगने से मौत हो गई. इस घटना के बाद प्रशासन ने काफी ज्यादा सख्ती दिखाई है. पुलिस ने मामले में तीन मुकदमे दर्ज किए हैं.

करंट लगने से कांवड़िए की मौत
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Published : Jul 28, 2019, 4:33 PM IST


नई दिल्ली/ गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक कांवड़िए की करंट लगने से मौत हो गई है. गाजियाबाद के कोतवाली इलाके के शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में कांवड़िया नानू की मौत के बाद प्रशासन ने लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

करंट लगने से कांवड़िए की मौत.
बिजली की सप्लाई में लापरवाही
घटना पर एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि विद्युत सेफ्टी डिपार्टमेंट को कहा गया था कि कांवड़ियों के कैंप में किसी भी तरह की लापरवाही बिजली की सप्लाई में न हो, लेकिन लापरवाही सामने आई है. इस कारण 16 साल के नानू की मौत हो गई है.
लापरवाही के मुकदमे दर्ज
इसके अलावा घायल अवस्था में जब नानू को अस्पताल लाया गया तो वहां पर भी लापरवाही बरती गई है. लिहाजा तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. तीनों मामले लापरवाही के हैं और मामले में कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. मृतक के परिवार को सांत्वना राशि देने की भी पहल प्रशासन की तरफ से की गई है. जाहिर है कावड़िए की मौत एक बड़ी लापरवाही की वजह से हुई है.

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन और सभी विभागों की मीटिंग हुई थी. जिसमें विद्युत सेफ्टी विभाग को कहा गया था कि कांवड़ियों के कैंपों में किसी भी विद्युत पोल को नग्न अवस्था में न छोड़ा जाए. इससे करंट पास हो सकता है. लेकिन शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में ठहरे हुए कांवड़ियों के मामले में लापरवाही हुई. पोल को ढका नहीं गया था, जिसमें करंट पास हो गया और नानू उसकी चपेट में आ गया.
ठेकेदार की भी लापरवाही हुई उजागर
दूसरी लापरवाही की बात करें तो जिस ठेकेदार को यह काम दिया गया था, उसने अपना काम ईमानदारी और लगन से नहीं किया था. जिसकी वजह से युवक की मौत हो गई.
अस्पताल ने नहीं दिया प्राथमिक इलाज
तीसरी लापरवाही अस्पताल की संवेदनहीनता से सामने आई है. कांवड़ियों का आरोप है कि जब वह युवक को अस्पताल घायल अवस्था में लेकर गए तो उसे प्राथमिक तौर पर इलाज नहीं दिया गया था.


नई दिल्ली/ गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक कांवड़िए की करंट लगने से मौत हो गई है. गाजियाबाद के कोतवाली इलाके के शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में कांवड़िया नानू की मौत के बाद प्रशासन ने लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

करंट लगने से कांवड़िए की मौत.
बिजली की सप्लाई में लापरवाही
घटना पर एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि विद्युत सेफ्टी डिपार्टमेंट को कहा गया था कि कांवड़ियों के कैंप में किसी भी तरह की लापरवाही बिजली की सप्लाई में न हो, लेकिन लापरवाही सामने आई है. इस कारण 16 साल के नानू की मौत हो गई है.
लापरवाही के मुकदमे दर्ज
इसके अलावा घायल अवस्था में जब नानू को अस्पताल लाया गया तो वहां पर भी लापरवाही बरती गई है. लिहाजा तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. तीनों मामले लापरवाही के हैं और मामले में कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. मृतक के परिवार को सांत्वना राशि देने की भी पहल प्रशासन की तरफ से की गई है. जाहिर है कावड़िए की मौत एक बड़ी लापरवाही की वजह से हुई है.

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन और सभी विभागों की मीटिंग हुई थी. जिसमें विद्युत सेफ्टी विभाग को कहा गया था कि कांवड़ियों के कैंपों में किसी भी विद्युत पोल को नग्न अवस्था में न छोड़ा जाए. इससे करंट पास हो सकता है. लेकिन शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में ठहरे हुए कांवड़ियों के मामले में लापरवाही हुई. पोल को ढका नहीं गया था, जिसमें करंट पास हो गया और नानू उसकी चपेट में आ गया.
ठेकेदार की भी लापरवाही हुई उजागर
दूसरी लापरवाही की बात करें तो जिस ठेकेदार को यह काम दिया गया था, उसने अपना काम ईमानदारी और लगन से नहीं किया था. जिसकी वजह से युवक की मौत हो गई.
अस्पताल ने नहीं दिया प्राथमिक इलाज
तीसरी लापरवाही अस्पताल की संवेदनहीनता से सामने आई है. कांवड़ियों का आरोप है कि जब वह युवक को अस्पताल घायल अवस्था में लेकर गए तो उसे प्राथमिक तौर पर इलाज नहीं दिया गया था.

Intro:गाजियाबाद। करंट लगने से हुई कावड़िया की मौत में प्रशासन ने काफी ज्यादा सख्ती दिखाई है। मामले में तीन मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। तीनों जगह लापरवाही हुई है। पहली लापरवाही विद्युत सेफ्टी विभाग की तरफ से की गई जहां पर लाइट के पोल पर कवर नहीं चढ़ाया गया। दूसरी लापरवाही ठेकेदार की थी।और तीसरी लापरवाही उस अस्पताल की थी जहां पर कावड़िया को घायल हालत में ले जाया गया था। तीनों पर कानूनी शिकंजा कसते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है।



Body:गाजियाबाद के कोतवाली इलाके के शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में कावड़िया नानू की मौत के बाद प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। लापरवाही का यह मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार का कहना है कि विद्युत सेफ्टी डिपार्टमेंट को कहा गया था कि कांवरियों के कैंप में किसी भी तरह की लापरवाही बिजली की सप्लाई में ना हो। लेकिन वहां पर लापरवाही सामने आई। जिसमें 16 साल के नानू कावड़िया की मौत हो गई। वहीं ठेकेदार की भी लापरवाही मामले में पाई गई है। इसके अलावा घायल अवस्थाा में जब कांवरिया को अस्पताल लाया गया तो वहां पर भी लापरवाही बरती गई। लिहाजा तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। तीनों मामले लापरवाही के हैं। और मामले में कड़ी कार्यवाही की जाएगी। मृतक कावड़िया के परिवार को सांत्वना राशि देने की भी पहल प्रशासन की तरफ से की गई है। हंगामा शांत करा लिया गया है । जाहिर है कावड़िया की मौत बड़ी लापरवाही की वजह से हुई है। जिसमें प्रशासन ने पूरी सख्ती दिखाई है।

बाईट शैलेन्द्र कुमार ए डी एम


आपको विस्तार से बता देते हैं कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है।

Conclusion:दरअसल कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन और सभी विभागों की मीटिंग हुई थी। जिसमें विद्युत सेफ्टी विभाग को कहा गया था कि कावड़ियों के कैंपों में किसी भी विद्युत पोल को नग्न अवस्था में ना छोड़ा जाए। क्योंकि उसमें करंट पास हो सकता है। सभी पोल को ढकने के लिए कहा गया था। लेकिन शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में ठहरे हुए कावड़ियों के मामले में लापरवाही हुई। और पोल को ढका नहीं गया था। जिसमें करंट पास हो गया। और नानू कांवरिया उसकी चपेट में आ गया। दूसरी लापरवाही की बात करें तो जिस ठेकेदार को यह काम दिया गया था उस ठेकेदार ने अपना काम इमानदारी और लगन से नहीं किया। जिसकी वजह से नानू कावड़िया की मौत हो गई। तीसरी लापरवाही अस्पताल की संवेदनहीनता से सामने आई है। कांवरियों का आरोप है कि जब वह अस्पताल में घायल अवस्था में कांवरिया को लेकर गए तो उसे प्राथमिक तौर पर इलाज नहीं दिया गया। जिससे कांवरिया की मौत हो गई। यह तीनों लापरवाही कांवरिया की मौत पर भारी पड़ गई। जाहिर है इसे गलती नहीं कहा जा सकता बल्कि यह एक गुनाह है। जिसने एक मासूम कांवरिया की जान ले ली। मृतक की उम्र मात्र 16 साल थी। ऐसे में उसके परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। घटना के बाद फिर से नए आदेश दिए गए हैं।जिसमें कहा गया है कि किसी भी तरह की लापरवाही कांवरियों को लेकर नहीं होनी चाहिए। अगर कोई लापरवाही होती है तो आरोपी लापरवाह व्यक्ति को जेल तक जाना पड़ सकता है।
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