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गाजियाबाद: अनाज मंडी पहुंची किसानों की पदयात्रा, कल जिला मुख्यालय करेंगे कूच

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जमीन अधिग्रहण के मुआवजे की दर अलग-अलग हिसाब से अदा करने पर किसान नाराज हैं. मंगलवार को किसानों ने इसके विरुद्ध पैदल मार्च निकाला. किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.

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जमीन अधिग्रहण मामले में किसानों का पैदल मार्च.
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Published : Sep 16, 2020, 12:02 AM IST

गाजियाबाद: अन्नदाता अपनी कई मांगों को लेकर सड़कों पर हैं. मेरठ के सैदपुर गांव से सोमवार को किसानों ने पैदल मार्च निकाला और देर रात गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र के कलछीना गांव पहुंचे. मंगलवार की सुबह सभी किसान पैदल मार्च निकालते हुए कलछीना गांव से गाजियाबाद अनाज मंडी पहुंचे.

जमीन अधिग्रहण मामले में किसानों का पैदल मार्च.


बुधवार सुबह करेंगे जिला मुख्यालय की तरफ कूच
किसान रात भर अनाज मंडी में ठहरने के बाद बुधवार की सुबह जिला मुख्यालय की तरफ पैदल मार्च करेंगे और वहां पहुंचकर अपना ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेंगे. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि एनएच 9 दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनने के दौरान मेरठ और गाजियाबाद के 25 ऐसे गांव हैं, जिनकी जमीन का अधिग्रहण हुआ, लेकिन मुआवजे की दर अलग-अलग सर्किल रेट से दी गई.

जिला मुख्यालय पर देंगे अनिश्चितकालीन धरना
किसानों का कहना है कि सभी को एक समान मुआवजा मिलना चाहिए. साथ ही सर्विस रोड का भी निस्तारण किया जाना चाहिए. पिछले एक साल से 25 गांवों के किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों से बातचीत करते रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिलता है. इस बार हम आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो किसान जिलाधिकारी दफ्तर के बाहर ही अनिश्चितकाल धरने पर बैठ जाएंगे.

गाजियाबाद: अन्नदाता अपनी कई मांगों को लेकर सड़कों पर हैं. मेरठ के सैदपुर गांव से सोमवार को किसानों ने पैदल मार्च निकाला और देर रात गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र के कलछीना गांव पहुंचे. मंगलवार की सुबह सभी किसान पैदल मार्च निकालते हुए कलछीना गांव से गाजियाबाद अनाज मंडी पहुंचे.

जमीन अधिग्रहण मामले में किसानों का पैदल मार्च.


बुधवार सुबह करेंगे जिला मुख्यालय की तरफ कूच
किसान रात भर अनाज मंडी में ठहरने के बाद बुधवार की सुबह जिला मुख्यालय की तरफ पैदल मार्च करेंगे और वहां पहुंचकर अपना ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेंगे. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि एनएच 9 दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनने के दौरान मेरठ और गाजियाबाद के 25 ऐसे गांव हैं, जिनकी जमीन का अधिग्रहण हुआ, लेकिन मुआवजे की दर अलग-अलग सर्किल रेट से दी गई.

जिला मुख्यालय पर देंगे अनिश्चितकालीन धरना
किसानों का कहना है कि सभी को एक समान मुआवजा मिलना चाहिए. साथ ही सर्विस रोड का भी निस्तारण किया जाना चाहिए. पिछले एक साल से 25 गांवों के किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों से बातचीत करते रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिलता है. इस बार हम आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो किसान जिलाधिकारी दफ्तर के बाहर ही अनिश्चितकाल धरने पर बैठ जाएंगे.

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