गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में गर्मियों ने पूरे तरीके से दस्तक दे दिया है. मौसम विभाग की मानें तो इस साल गर्मी के चलते दिल्ली एनसीआर के लोगों की परेशानी कई गुना तक बढ़ा सकती है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही रस्सी की दुकानें भी गुलजार हो गई हैं. गर्मी से सूख रहे गले को लससी से तर करने के लिए लोग लससी की दुकानों का रुख कर रहे हैं.
गाजियाबाद की मशहूर "लालमन लस्सी" इन दिनों लस्सी के शौकीनों से गुलज़ार है. सुबह 11 बजे शटर उठते ही लोगों की भीड़ लग जाती है. जैसे-जैसे सूरज चढ़ता है. भीड़ भी बढ़ने लगती है. लालमन लस्सी की दुकान के आस पास लस्सी की और भी दुकानें हैं, लेकिन लोगों की पहली पसंद सिर्फ लालमन ही है. दुकान भले ही छोटी है लेकिन लालमन लस्सी का नाम काफी बड़ा है. यही वजह है कि जब भी कोई गाजियाबाद आता है तो लालमन लस्सी जरूर पीता है. लालमन के यहां हर दिन कई हजार लोग लस्सी पीने आते हैं.
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लालमन लस्सी के मालिक लालमन सिंह, सिहानी गांव के रहने वाले हैं. 1981 में हाईस्कूल पास करने के बाद लस्सी की छोटी सी दुकान शुरू की थी. लालमन की लस्सी के स्वाद ने गाज़ियाबाद में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. लालमन सिंह बताते हैं कि बाजार में मिलने वाली लस्सी आमतौर पर बाजार में मिलने वाले दही से तैयार की जाती है, लेकिन उनके यहां जो लस्सी मिलती है वो घरों में पल रही भैंसों के दूध से बने दही से तैयार होती है. यही वजह है कि लस्सी ना सिर्फ ज़ायकेदार होती है बल्कि उसमें ज़बरदस्त ताकत भी होती है. लालमन बताते हैं असली दूध असली ही होता है और असली दूध से बनी दही की लस्सी का स्वाद लोगों को अपनी ओर खींचता है.
बता दें, दही सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत और सौन्दर्य को भी बढ़ाती है. बेहतरीन प्रोबॉयोटिक मानी जाने वाली दही पाचन क्रिया को बेहतर करने के अलावा दांत और हड्डियों को मजबूत बनाती है. दही को विशेषतौर पर आंतों के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन माना जाता है, साथ ही दही का इस्तेमाल स्वास्थ्य के साथ ही सौन्दर्य के लिए भी फायदेमंद होता है. दही एक प्रोबायोटिक है, जिसमें मौजूद अच्छे और जरूरतमंद बैक्टीरिया आंतों के कार्य को बेहतर करने में मदद करते है.
नियमित तौर पर दही के सेवन से कब्ज सहित पाचन समस्याओं में आराम मिलता है. साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है. दही को कैल्शियम का खास स्त्रोत माना जाता है. यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार 250 ग्राम दही में 275 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. यदि प्रतिदिन हम 250 ग्राम दही का सेवन करें तो ना सिर्फ हड्डियां मजबूत होगी, बल्कि बोन डेंसिटी को भी बनाए रखने में मदद मिलेगी.
दही में मौजूद जिंदा बैक्टीरिया बीमारी के रोगाणुओं से लड़ने में भी मदद करते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ विएना, ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रतिदिन 200 ग्राम दही खाने से इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है.
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