नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद का मोर्चरी हाउस एक ऐसा स्थान जहां शाम होते ही सन्नाटा छा जाता था, लेकिन शुक्रवार देर शाम तक यहां प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा. यहां कुछ आंखें ऐसी भी थी जो अपनों को तलाश तो रही थी, लेकिन उन्हें पता था कि उनके अपने अब लौट कर नहीं आने वाले.
गाजियाबाद में शिविर की सफाई के दौरान पांच कर्मचारियों की मौत हो गई थी. इसके बाद हिंडन नदी के किनारे स्थित मोर्चरी हाउस में शुक्रवार को सीवर दुर्घटना में मरे सफाईकर्मियों के शव का पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान मोर्चरी के बाहर खड़े सफाईकर्मियों के परिजनों के चेहरे पर अपनों के खोने का गम साफ देखा जा सकता था.
परिजनों का कहना है कि प्रशासन की ओर से पूरे घटना की जांच की बात तो की जा रही है, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई कब तक होगी यह किसी को नहीं पता. सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का मुआवजा तो दिया जा रहा है, लेकिन क्या दस लाख रुपये में अपनों को वापस लाया जा सकता है.