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घर का सपना दिखाकर करोड़ों की ठगी के आराेप में पकड़े गए दो जालसाज, जानें कैसे करते थे ठगी

घर का सपना दिखाकर करोड़ों की ठगी करने वाले दो जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार (Economic Offenses Wing arrested two fraudsters of UP) किया है. इनकी पहचान अक्षय जैन और प्रतीक जैन के रूप में की गई (Akshay Jain and Prateek Jain arrested) है. 2017 में इनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया था.

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अक्षय जैन और प्रतीक जैन
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Published : Mar 26, 2022, 10:45 PM IST

नई दिल्लीः घर का सपना दिखाकर करोड़ों की ठगी करने वाले दो जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार (Economic Offenses Wing arrested two fraudsters of UP) किया है. इनकी पहचान अक्षय जैन और प्रतीक जैन के रूप में की गई (Akshay Jain and Prateek Jain arrested) है. 2017 में इनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया था. आरोपियों के खिलाफ यूपी के अलग-अलग थानों में पहले से ही 29 मामले दर्ज हैं. उनकी गिरफ्तारी की जानकारी यूपी पुलिस को भी दे दी गई है.

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार बड़ी संख्या में लोगों ने आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत कर बताया कि एक कंपनी ने विवेक विहार में अपना दफ्तर खोल रखा था. उन्होंने गाजियाबाद के राज नगर में रेड एप्पल होमेज (Red Apple Residency) नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाने की बात कही. 2012 में उन लोगों को फ्लैट की बुकिंग दी गई. उन्हें यह बताया गया कि फ्लैट तैयार कर तीन साल में दे दिए जाएंगे. इस पर उन्हें मिलने वाले लोन की किस्त भी कब्जा मिलने तक कंपनी द्वारा चुकाई जाएगी. लगभग 10 साल में भी यह काम पूरा नहीं हुआ है. उधर कंपनी ने बैंक की किश्त भरना भी बंद कर दिया. आर्थिक अपराध शाखा के पास अब तक ऐसे 51 शिकायतकर्ता आये हैं जिनसे 11 करोड़ रुपये की ठगी इस कंपनी द्वारा की गई थी.

पुलिस को कुछ शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि बिना उनकी जानकारी के उनका लोन लेकर बिल्डर को रुपए दे दिए गए. इसके लिए उनके फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया. वर्ष 2018 में आर्थिक अपराध शाखा ने इसे लेकर मामला दर्ज किया था. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस जमीन पर इस प्रोजेक्ट को बनाने का दावा किया जा रहा था वह इस कंपनी के नाम पर है. जिला के कलेक्टर, सब-रजिस्ट्रार, एसडीएम, तहसीलदार आदि को पुलिस की तरफ से नोटिस भेजा गया. उन्हें बताया गया कि इस जमीन का इस्तेमाल लोगों से ठगी के लिए किया गया है. इसकी वजह से इसे बेचने ना दिया जाए. इसके जवाब में बताया गया कि इस प्रोजेक्ट के लिए परमिशन दिसंबर 2015 में दी गई थी. लेकिन फायर, वन विभाग और कॉरपोरेशन से उन्हें मंजूरी नहीं मिली थी.

शिकायतकर्ताओं से बात करने पर पता चला कि बिना मंजूरी के ही उसने लोगों से फंड इकट्ठे किए. वहां पर ढांचा खड़ा किया और 2015 में इसे बनाना बंद कर दिया. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इसे सील कर दिया था. आरोपी प्रतीक जैन और अक्षय जैन ने अन्य आरोपियों विजयंता जैन, राजकुमार जैन के साथ मिलकर लोगों से ठगी करने के मकसद से यह प्रोजेक्ट शुरू किया था. बैंक खातों में हस्ताक्षर का अधिकार भी प्रतीक जैन और अक्षय जैन के पास था. इस मामले में सब इंस्पेक्टर जीएन तिवारी की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें 1 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है.

पढ़ेंः कासगंज में नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने के आरोप में 3 के खिलाफ केस दर्ज

गिरफ्तार अक्षय जैन ने पंजाब से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है. वहीं प्रतीक जैन ने गढ़वाल से बीएससी की है. दोनों ही आरोपी दो कंपनियां चला रहे थे. इनके नाम रेड एप्पल रेजिडेंसी (Red Apple Residency) और रेड एप्पल होमेज (red apple homage) हैं. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि इनके खिलाफ 29 मामले यूपी के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.

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नई दिल्लीः घर का सपना दिखाकर करोड़ों की ठगी करने वाले दो जालसाजों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार (Economic Offenses Wing arrested two fraudsters of UP) किया है. इनकी पहचान अक्षय जैन और प्रतीक जैन के रूप में की गई (Akshay Jain and Prateek Jain arrested) है. 2017 में इनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया था. आरोपियों के खिलाफ यूपी के अलग-अलग थानों में पहले से ही 29 मामले दर्ज हैं. उनकी गिरफ्तारी की जानकारी यूपी पुलिस को भी दे दी गई है.

संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार बड़ी संख्या में लोगों ने आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत कर बताया कि एक कंपनी ने विवेक विहार में अपना दफ्तर खोल रखा था. उन्होंने गाजियाबाद के राज नगर में रेड एप्पल होमेज (Red Apple Residency) नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाने की बात कही. 2012 में उन लोगों को फ्लैट की बुकिंग दी गई. उन्हें यह बताया गया कि फ्लैट तैयार कर तीन साल में दे दिए जाएंगे. इस पर उन्हें मिलने वाले लोन की किस्त भी कब्जा मिलने तक कंपनी द्वारा चुकाई जाएगी. लगभग 10 साल में भी यह काम पूरा नहीं हुआ है. उधर कंपनी ने बैंक की किश्त भरना भी बंद कर दिया. आर्थिक अपराध शाखा के पास अब तक ऐसे 51 शिकायतकर्ता आये हैं जिनसे 11 करोड़ रुपये की ठगी इस कंपनी द्वारा की गई थी.

पुलिस को कुछ शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि बिना उनकी जानकारी के उनका लोन लेकर बिल्डर को रुपए दे दिए गए. इसके लिए उनके फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया. वर्ष 2018 में आर्थिक अपराध शाखा ने इसे लेकर मामला दर्ज किया था. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि जिस जमीन पर इस प्रोजेक्ट को बनाने का दावा किया जा रहा था वह इस कंपनी के नाम पर है. जिला के कलेक्टर, सब-रजिस्ट्रार, एसडीएम, तहसीलदार आदि को पुलिस की तरफ से नोटिस भेजा गया. उन्हें बताया गया कि इस जमीन का इस्तेमाल लोगों से ठगी के लिए किया गया है. इसकी वजह से इसे बेचने ना दिया जाए. इसके जवाब में बताया गया कि इस प्रोजेक्ट के लिए परमिशन दिसंबर 2015 में दी गई थी. लेकिन फायर, वन विभाग और कॉरपोरेशन से उन्हें मंजूरी नहीं मिली थी.

शिकायतकर्ताओं से बात करने पर पता चला कि बिना मंजूरी के ही उसने लोगों से फंड इकट्ठे किए. वहां पर ढांचा खड़ा किया और 2015 में इसे बनाना बंद कर दिया. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इसे सील कर दिया था. आरोपी प्रतीक जैन और अक्षय जैन ने अन्य आरोपियों विजयंता जैन, राजकुमार जैन के साथ मिलकर लोगों से ठगी करने के मकसद से यह प्रोजेक्ट शुरू किया था. बैंक खातों में हस्ताक्षर का अधिकार भी प्रतीक जैन और अक्षय जैन के पास था. इस मामले में सब इंस्पेक्टर जीएन तिवारी की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें 1 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है.

पढ़ेंः कासगंज में नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने के आरोप में 3 के खिलाफ केस दर्ज

गिरफ्तार अक्षय जैन ने पंजाब से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है. वहीं प्रतीक जैन ने गढ़वाल से बीएससी की है. दोनों ही आरोपी दो कंपनियां चला रहे थे. इनके नाम रेड एप्पल रेजिडेंसी (Red Apple Residency) और रेड एप्पल होमेज (red apple homage) हैं. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि इनके खिलाफ 29 मामले यूपी के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.

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