गाजियाबाद: सोमवार रात बदमाशों के हमले में घायल हुए पत्रकार ने बुधवार सुबह अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. प्रदेश सरकार द्वारा मृतक पत्रकार के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, बच्चों की निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था और पत्नी को शिक्षा के आधार पर नौकरी देने की घोषणा की गई.
विपक्ष ने साधा हमला
प्रदेश सरकार द्वारा मृतक पत्रकार के परिवार को दी गई आर्थिक सहायता पर तमाम विपक्षी पार्टियों और सामाजिक संगठनों ने आपत्ति जताई है. विक्रम जोशी के परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता तो दी गई है, लेकिन उससे उनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता. मृतक परिवार अपने पीछे दो मासूम बेटियों और पत्नी छोड़ गए हैं. राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप मृतक पत्रकार विक्रम जोशी के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है.
राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने किया विरोध
जिलाध्यक्ष बॉबी पंडित ने कहा कि पत्रकार को जो प्रदेश सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी गई है, वह वास्तव में बहुत कम है. हमारी मांग है कि आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 50 लाख किया जाए और साथ ही पत्रकार के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. उन्होंने कहा कि अपराधियों पर रासुका के तहत कार्रवाई होनी चाहिए.
गौरतलब है कि मंगलवार को पुलिस ने मामले में 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी. वहीं लापरवाही बरतने वाले चौकी इंचार्ज को एसएसपी कलानिधि नैथानी ने सस्पेंड कर दिया था. पत्रकार की मौत के बाद उनका परिवार मामले में इंसाफ की मांग रहा है.