नई दिल्ली/ मुरादाबाद : अंतरराज्यीय स्तर पर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले एक कुख्यात बदमाश को क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान प्रवेश सैफी के रूप में की गई है. उस पर एक लाख रुपये का इनाम मेरठ पुलिस द्वारा जबकि 50 हजार रुपये का इनाम मुरादाबाद पुलिस द्वारा रखा गया था. डकैती, हत्या प्रयास सहित कई मुकदमों में पुलिस को उसकी तलाश थी. पुलिस टीम पर गोलियां भी चला चुका है. पुलिस ने उसके पास से एक पिस्तौल दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं.
डीसीपी दीपक यादव के अनुसार, फरार चल रहे बदमाशों को लेकर क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल टीम काम कर रही थी. प्रवेश सैफी की तलाश तीन राज्यों की पुलिस कर रही है. इस दौरान पुलिस टीम को सूचना मिली कि वह दिल्ली में छिपा हुआ है. 27 अप्रैल 2021 को उसके खिलाफ मुरादाबाद के बिलारी इलाके में डकैती का एक मामला दर्ज हुआ था. रेनू चौधरी नामक महिला ने आरोप लगाया था कि इलेक्ट्रीशियन बनकर दो युवक उनके घर में घुसे और लूटपाट कर फरार हो गए. उनके तीन अन्य साथी भी बाहर मौजूद थे. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. लेकिन मुख्य आरोपी फरार चल रहा था.
पुलिस को यह भी पता चला कि मेरठ में 2021 में उसके खिलाफ लूट का मामला दर्ज हुआ था. हाईवे पर उन्होंने लगभग 15 लाख रुपये लूटे थे. इस मामले में उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. इस जानकारी पर एसीपी उमेश बर्थवाल की देखरेख में इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन, एसआई रामपाल, मुकेश और कमल की टीम ने प्रवेश को पकड़ने के लिए अक्षरधाम मंदिर के पास जाल बिछाया. रात के समय टोपी पहने हुए पुलिस ने स्कूटी पर आ रहे एक युवक को देखा. मुखबिर ने पुलिस को बताया कि यही परवेज है. पुलिस टीम ने उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन उसने पुलिस टीम पर गोली चला दी. पुलिस टीम ने भी बचाव में गोली चलाई, जिसमें बदमाश को गोली लगी. गिरने के बाद उसे तुरंत लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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गिरफ्तार किया गया आरोपी प्रवेश सैफी मुजफ्फरनगर के मक्खी नगर का रहने वाला है. वह कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है और यूपी पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. कुछ ही समय पहले यूपी में उसका घर भी पुलिस ने बुलडोजर से गिराया था. पुलिस ने फिलहाल उसके खिलाफ पुलिस पर हमला करना, हत्या प्रयास और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह पहले जेसीबी चलाता था. 2013 में वह दुबई गया था. पांच साल बाद वह दुबई से वापस भारत आया. यहां आने के बाद उसने सहारनपुर निवासी शाहिद के साथ मिलकर अपराध करना शुरू किया. उसने यमुना पार के गैंगस्टर साबिर चौधरी से भी हाथ मिला रखा था.
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