ETV Bharat / state

मजदूरों को एक और झटका! एटलस के बाद गाजियाबाद की ऑटो गियर फैक्ट्री बंद - unemployement of laboures

गाजियाबाद के साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में 48 साल पुरानी ऑटो गियर फैक्ट्री अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया. इस फैसले से हजारों कर्मचारी सड़क पर आ गए.

ऑटो गियर फैक्ट्री बंद.
ऑटो गियर फैक्ट्री बंद.
author img

By

Published : Jun 8, 2020, 3:00 PM IST

गाजियाबाद: साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में एक बार फिर सैकड़ों मजदूर सड़क पर आ गए हैं. एटलस के बाद अब साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में 48 साल पुरानी ऑटो गियर फैक्ट्री अस्थाई तौर पर बंद हो गई है. गाजियाबाद में एक और फैक्ट्री ने 'लेऑफ' का नोटिस लगा दिया है. अब फैक्ट्री के बाहर 300 मजदूर बेबसी के आंसू लिए खड़े हैं. मजदूरों का एक ही सवाल है कि अब उनका क्या होगा.

जानकारी देते मजदूर.

1972 में स्थापित हुई थी फैक्ट्री
ऑटो गियर फैक्ट्री 1972 में स्थापित हुई थी. इसके बाद से मजदूरों ने कंपनी को खून, पसीने से सींचा, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन इस तरह से उन्हें सड़क पर ला खड़ा कर देगा, ये किसी ने नहीं सोचा था. दूसरी तरफ मजदूर 3 महीने से लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे. लॉकडाउन तो खुला पर कंपनी अस्थाई तौर पर बंद कर दी गई. मजदूर जैसे ही 8 जून को फैक्ट्री में दोबारा से काम करने पहुंचे तो उन्हें यह बुरी खबर मिली.

श्रम आयुक्त से लगाई गुहार
मजदूर यूनियन के प्रेसिडेंट ईश्वर चंद त्यागी ने बताया कि उन्होंने मजदूरों की गुहार श्रम आयुक्त तक पहुंचा दी है. डीएम के पास भी मामले की शिकायत की गई है. इस तरह से लगातार फैक्ट्रियों की बंदी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे पहले एटलस फैक्ट्री को भी इसी तरह से बंद कर दिया गया था और कर्मचारियों को आधी सैलरी पर गुजारा करने के लिए कह दिया गया.

गाजियाबाद: साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में एक बार फिर सैकड़ों मजदूर सड़क पर आ गए हैं. एटलस के बाद अब साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में 48 साल पुरानी ऑटो गियर फैक्ट्री अस्थाई तौर पर बंद हो गई है. गाजियाबाद में एक और फैक्ट्री ने 'लेऑफ' का नोटिस लगा दिया है. अब फैक्ट्री के बाहर 300 मजदूर बेबसी के आंसू लिए खड़े हैं. मजदूरों का एक ही सवाल है कि अब उनका क्या होगा.

जानकारी देते मजदूर.

1972 में स्थापित हुई थी फैक्ट्री
ऑटो गियर फैक्ट्री 1972 में स्थापित हुई थी. इसके बाद से मजदूरों ने कंपनी को खून, पसीने से सींचा, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन इस तरह से उन्हें सड़क पर ला खड़ा कर देगा, ये किसी ने नहीं सोचा था. दूसरी तरफ मजदूर 3 महीने से लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे. लॉकडाउन तो खुला पर कंपनी अस्थाई तौर पर बंद कर दी गई. मजदूर जैसे ही 8 जून को फैक्ट्री में दोबारा से काम करने पहुंचे तो उन्हें यह बुरी खबर मिली.

श्रम आयुक्त से लगाई गुहार
मजदूर यूनियन के प्रेसिडेंट ईश्वर चंद त्यागी ने बताया कि उन्होंने मजदूरों की गुहार श्रम आयुक्त तक पहुंचा दी है. डीएम के पास भी मामले की शिकायत की गई है. इस तरह से लगातार फैक्ट्रियों की बंदी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे पहले एटलस फैक्ट्री को भी इसी तरह से बंद कर दिया गया था और कर्मचारियों को आधी सैलरी पर गुजारा करने के लिए कह दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.