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गाजियाबाद प्रशासन की बड़ी लापरवाही, बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आया मासूम

गाजियाबाद में बिजली की जर्जर तारों की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है. ताजा मामला विजयनगर इलाके का है. यहां खुले ट्रांसफार्मर की वजह से 13 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गयी.

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बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आया मासूम.
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Published : Sep 16, 2020, 8:06 PM IST

गाजियाबद: खुले ट्रांसफार्मर की वजह से 13 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गयी. मामला विजयनगर इलाके का है. मासूम आकाश के घर मातम पसरा हुआ है. उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है.

बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आया मासूम.

बिजली की जर्जर तारों ने ली जान
शाम को मासूम आकाश अपने पिता की दुकान पर जा रहा था. उसी दौरान रास्ते में जर्जर पड़े बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आ गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. इससे पहले भी गाजियाबाद में बिजली की जर्जर तारों की वजह से लोगों की जान जा चुकी है. सवाल ये है कि बिजली विभाग इस तरफ कब गंभीरता से ध्यान देगा.

बुझ गया घर का चिराग, टूट गए सपने
आकाश के परिवार ने उसको लेकर बहुत सारे सपने देखे थे. आकाश के पिता कहते थे कि वह ज्यादा पढ़ लिख नहीं पाए, लेकिन अपने बेटे आकाश को पढ़ा लिखा कर एक अच्छे ओहदे पर जरूर पहुंचाएंगे. इसलिए वो आकाश की पढ़ाई को लेकर भी काफी गंभीर रहते थे, लेकिन एक लापरवाही ने आकाश को उसके परिवार से हमेशा के लिए छीन लिया. इस परिवार का चिराग बुझ गया और सभी सपने चकनाचूर हो गए हैं. आकाश की मां के आंसू नहीं थम रहे हैं.

4 दिन पहले अर्थला में हुआ हादसा
4 दिन पहले अर्चना की संजय कॉलोनी में भी बिजली की तारों की चपेट में आने की वजह से पूरा परिवार घायल हो गया था. घर का मुखिया अस्पताल में होने की वजह से परिवार के सामने आर्थिक संकट भी गहरा गया. निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि गाजियाबाद में इस तरह की लापरवाही से परिवार टूट कर बिखर रहे हैं.

गाजियाबद: खुले ट्रांसफार्मर की वजह से 13 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गयी. मामला विजयनगर इलाके का है. मासूम आकाश के घर मातम पसरा हुआ है. उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है.

बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आया मासूम.

बिजली की जर्जर तारों ने ली जान
शाम को मासूम आकाश अपने पिता की दुकान पर जा रहा था. उसी दौरान रास्ते में जर्जर पड़े बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आ गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया. इससे पहले भी गाजियाबाद में बिजली की जर्जर तारों की वजह से लोगों की जान जा चुकी है. सवाल ये है कि बिजली विभाग इस तरफ कब गंभीरता से ध्यान देगा.

बुझ गया घर का चिराग, टूट गए सपने
आकाश के परिवार ने उसको लेकर बहुत सारे सपने देखे थे. आकाश के पिता कहते थे कि वह ज्यादा पढ़ लिख नहीं पाए, लेकिन अपने बेटे आकाश को पढ़ा लिखा कर एक अच्छे ओहदे पर जरूर पहुंचाएंगे. इसलिए वो आकाश की पढ़ाई को लेकर भी काफी गंभीर रहते थे, लेकिन एक लापरवाही ने आकाश को उसके परिवार से हमेशा के लिए छीन लिया. इस परिवार का चिराग बुझ गया और सभी सपने चकनाचूर हो गए हैं. आकाश की मां के आंसू नहीं थम रहे हैं.

4 दिन पहले अर्थला में हुआ हादसा
4 दिन पहले अर्चना की संजय कॉलोनी में भी बिजली की तारों की चपेट में आने की वजह से पूरा परिवार घायल हो गया था. घर का मुखिया अस्पताल में होने की वजह से परिवार के सामने आर्थिक संकट भी गहरा गया. निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि गाजियाबाद में इस तरह की लापरवाही से परिवार टूट कर बिखर रहे हैं.

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