नोएडा : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ठंड की दस्तक के साथ एक बार फिर से वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है. धीमी गति की हवा चलने से नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI 290 और नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 285 दर्ज किया गया है. औद्योगिक नगरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा खराब श्रेणी में हैं और अगर स्थिति ऐसी रही तो रेड जोन में शहर पहुंच जाएगा.
'ग्रेटर नोएडा में AQI 300 के करीब'
सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 284 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होने के चलते प्रदूषण स्तर दर्ज नहीं हुआ है. ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में है. ऐसे में ग्रेप के नियमों का सख्ती से पालन में उसको अथॉरिटीज को सुनिश्चित करना होगा ताकि लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सके.
'नोएडा में दर्ज AQI'
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किए हैं. जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन में 284 AQI, सेक्टर 125 का स्टेशन में 291 AQI, सेक्टर 1 में 282 AQI और सेक्टर 116 में 294 AQI दर्ज किया गया है.
'हवा की धीमी रफ्तार से बढ़ा प्रदूषण'
प्रदूषण के साथ ही तापमान में भी लगातार गिरावट दर्ज़ की जा रही है. नवंबर के चौथे रविवार की सुबह ठंड का 17 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया जिले का न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री दर्ज किया गया जो 2003 के बाद नवंबर में सबसे कम तापमान है. हवा में अति सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ने से सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है.