नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा तोड़ी गई एक गरीब की ठेली ने परिवार की रोजी-रोटी छीन ली है. इस गरीब परिवार के सामने अपने परिवार को पालने के लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है. पीड़ित का कहना है कि वह ठेली तोड़े जाने के बाद से घर में बेरोजगार होकर बैठने को मजबूर है. वह पानी बेचकर अपने और अपने परिवार का पालन पोषण करता था, लेकिन अब उसके सामने मुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है.
अपनी तीन मासूम बेटियों के भविष्य को लेकर यह गरीब परेशान है. किराए के मकान में रह रहा ये परिवार किराए का जुगाड़ भी नहीं कर पा रहा है. ठेली तोड़े जाने के बाद गरीब की आमदनी बंद हो गई. जिससे ये परिवार दाने-दने को मोहताज हो गया है.
हाथरस निवासी रवि अपनी पत्नी व तीन बेटियों को लेकर इस शहर में आया था. उसने तुगलपुर में एक किराए का मकान लेकर परी चौक पर जैसे-तैसे करके एक ठेली लगानी शुरू की. वह पानी व कोल्ड्रिंग बेचा करता था. रोज की तरह अपनी पत्नी पूनम के साथ परी चौक पर ठेली लगाकर पानी बेच रहा था. लेकिन उसे क्या पता था कि प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों के द्वारा आ उसकी ठेली को बुलडोजर से तोड़ दिया जाएगा.
पीड़ित का कहना है कि उसने प्राधिकरण के अधिकारियों की काफी मिन्नत की और पैर तक पकड़े, लेकिन इस सब के बावजूद भी इन अधिकारियों को गरीब पर तरस नहीं आई. जबरन उसकी ठेली को बुलडोजर सेतोड़ दिया.
पीड़ित का कहना है कि पानी की बोतलें और अन्य सामान भी तोड़ दी गई. पूरे दिन की जो कमाई थी वह भी छीन ले गए. पीड़ित का कहना है कि ठेली तोड़े जाने के बाद वह पानी नहीं बेच पा रहा है. पीड़ित रवि की पत्नी पूनम का कहना है कि उनके सामने समस्याओं का पहाड़ खड़ा हो गया है. जहां घर में दाने दाने को तरस रहे हैं तो दूसरी तरफ मकान मालिक को किराया कैसे देंगे. इसको लेकर भी समस्या खड़ी हो गई है.
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पीड़ित का कहना है कि ठेली तोड़े जाने के बाद वह इतना बदहवास हो गया था कि बुल्डोजर के नीचे मरने के लिए लेट गया. वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ आदेश दिए हैं कि किसी भी गरीब का मकान और दुकान व रेहड़ी-पटरी पर बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा. बल्कि भूमाफियाओं पर बुल्डोजर चलाया जाएगा.