नई दिल्लीः डेढ़ साल पूर्व गौतमबुद्ध नगर जिले को कमिश्नरी घोषित कर दिया गया और करीब 3 दर्जन से अधिक अफसरों की तैनाती कर दी गई. अधिकारियों के बैठने से लेकर उनके ऑफिसों को तमाम जगहों पर बनाया गया. कई जगहों पर ऑफिस को शिफ्ट किया गया, पर जमीनी सच्चाई कुछ और ही है. दरअसल पिछले डेढ़ वर्ष में नोएडा के सेक्टर 14ए स्थित कंट्रोल रूम की तरफ किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया है.
नोएडा सेक्टर 14ए पुलिस कंट्रोल रूम को पुलिस विभाग की सबसे पुरानी ऑफिसों में माना जाता है, लेकिन आज कंट्रोल रूम का हाल बदहाल नजर आ रहा है. कंट्रोल रूम में हर जगह गंदगी नजर आती है. दरअसल कंट्रोल रूम के मेंटेनेंस का काम नोएडा प्राधिकरण का है, लेकिन प्राधिकरण के कोई अधिकारी देखने तक नहीं आते.
बता दें कि इस कंट्रोल रूम का 1986 में आईपीएस डीके अग्रवाल के द्वारा उद्घाटन किया गया था. उस समय गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद में था. 1997 में मायावती द्वारा नया जिला बनाया गया. तब से लेकर 2019 तक गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी का यहां ऑफिस था. वहीं 2020 में गौतमबुद्ध नगर को कमिश्नरी घोषित कर दिया गया. जिसके बाद यहां ट्रैफिक डीसीपी और एडिशनल डीसीपी की ऑफिस बनाई गई. साथ ही जिले का पुलिस कंट्रोल रूम, ट्रैफिक कंट्रोल रूम और अन्य कई यूनिट को यहां पर रखा गया.
वहीं पुलिस विभाग के सूत्रों की माने तो उच्च अधिकारियों द्वारा नोएडा प्राधिकरण को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन समाधान नहीं हुआ. जबकि यहां डीसीपी ट्रैफिक, एडिशनल डीसीपी के साथ तमाम आला अधिकारी समय-समय पर आते हैं और अपनी अपनी ऑफिस में बैठ कर चले जाते हैं, पर किसी के भी द्वारा यह जहमत नहीं उठाई गई है कि ऑफिस को ठीक कराया जाए.