नोएडा: गौतम बुद्ध नगर में मुलजिम से क्रेटा कार और 25 लाख रुपये लेकर छोड़ने के मामले में स्वाट टीम को पुलिस कमिश्नर द्वारा भंग कर सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था. वहीं टीम प्रभारी सावेज खान और कॉन्स्टेबल अमरीश को बर्खास्त कर दिया गया था.
इस मामले में सभी पुलिसकर्मी फरार चल रहे थे, जिनके पास सरकारी असलहा भी था. उच्च अधिकारियों द्वारा लगातार नोटिस तामिल कराई जा रही थी, जिसमें शनिवार को बर्खास्त इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को छोड़कर एक सब इंस्पेक्टर सहित नौ पुलिसकर्मियों ने पुलिस लाइन में हाजिरी दी. बताया जा रहा है कि सभी पुलिसकर्मियों के सरकारी असलहे जमा किए गए हैं. वहीं इस पूरे प्रकरण में बिचौलिए का काम करने वाले बागपत के सिपाही को बागपत के SSP की रिपोर्ट के बाद ट्रांसफर किया गया है.
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरी में बदमाशों को पकड़ने के लिए और अधिकारियों की देखरेख में स्वाट टीम बनाई गई थी. स्वाट टीम के प्रभारी सावेज खान थे, जिनके साथ उप निरीक्षक सत्येंद्र मोतला, कॉन्स्टेबल अमरीश कांत यादव, कॉन्स्टेबल नितिन कुमार, कॉन्स्टेबल अमित शर्मा, कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार, कॉन्स्टेबल बाबर अली, कॉन्स्टेबल आदित्य सिंह, कॉन्स्टेबल उदयवीर सिंह, कॉन्स्टेबल पुनीत और कॉन्स्टेबल उदित राठी थे. इस टीम के ऊपर आरोप था कि मेहराज नाम के एक ATM हैकर को छोड़ने के नाम पर 25 लाख रुपये और क्रेटा कार ली थी.
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उच्च अधिकारियों द्वारा मामले की जांच करते हुए स्वाट टीम के प्रभारी सावेज खान और कॉन्स्टेबल अमरीश कांत यादव को बर्खास्त कर दिया गया. वहीं पुलिस कमिश्नर द्वारा स्वाट टीम को भंग करते हुए अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था. 29 नवंबर को पुलिस कमिश्नर द्वारा यह कार्रवाई की गई थी, साथ ही सभी को निर्देशित किया गया था की डीसीपी क्राइम के कार्यालय पर आकर सभी को बयान अंकित कराना है, लेकिन कमिश्नर की कार्रवाई के बाद सभी पुलिसकर्मी फरार हो गए थे. उच्च अधिकारियों द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेते हुए लगातार सभी पुलिसकर्मियों के मूल निवास स्थान पर नोटिस तामिल करने की कार्रवाई शुरू की गई, जिसके चलते शनिवार देर शाम बर्खास्त पुलिसकर्मियों को छोड़ अन्य नौ पुलिसकर्मियों द्वारा पुलिस लाइन में आमद की गई है. साथ ही उनके पास जो सरकारी असलहा था उसे जमा कराया गया है.
वहीं क्राइम ब्रांच के माध्यम से सभी पुलिसकर्मियों को बयान देने के लिए नोटिस जारी किया गया है. जिसमें सभी पुलिसकर्मियों के नाम पते पर नोटिस ले कर जाने वाले को सही मिले, लेकिन स्वाट टीम प्रभारी शावेज खान के सर्विस बुक पर दिए गए पते पर जब पुलिसकर्मी हरदोई जिले के आझी गांव थाना शाहाबाद नोटिस तामिल करने पहुंचे तो पता चला कि इस पते पर सावेज खान से संबंधित कोई भी नहीं रहता है जिसके चलते नोटिस वापस चली आई. जानकारी के मुताबिक शावेज खान 2010 बैच का सब इंस्पेक्टर है और मृतक आश्रित में भर्ती हुआ था. इसके पिता पुलिस विभाग में थे. बताया जा रहा है कि पिता की मौत के वक्त सावेज खान हरदोई में रहा करता था और पिता की मौत के बाद वहां से परिवार के साथ लखनऊ चला गया था, जिसके चलते उनके नाम पते का सही पता नहीं चल पा रहा है.
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वहीं नोएडा में स्वाट टीम के प्रभारी और उनके सहयोगियों द्वारा 25 लाख रुपये और क्रेटा कार लिए जाने के मामले में अपराधी से बिचौलिए का काम करने वाले बागपत के कॉन्स्टेबल अब्दुल का नाम प्रकाश में जांच के दौरान आया था. जिसे संज्ञान में लेते हुए बागपत के एसएसपी दिनेश कुमार जादौन द्वारा जिले की SOG भंग करते हुए अब्दुल सहित दो कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया था. वहीं शनिवार को उच्च अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए अब्दुल का बागपत से अंबेडकर नगर स्थानांतरण कर दिया गया है. मामले की जांच जारी है.
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