नोएडा: शहर के थाना सेक्टर 58 पुलिस ने फर्जी कर परीक्षा देने वाले सॉल्वर गैंग के पांच सदस्याें को (five members of solver gang arrested in noida) डी पार्क सेक्टर 62 से गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से छह मोबाइल फोन, प्रवेश पत्र, मोबाइल चैट से सम्बन्धित स्क्रीट शाट के प्रिन्टआउट व 12 हजार रुपये और दाे गाड़ियां बरामद हुई है. गैंग का मास्टर माइंड अभी फरार है.
पुलिस ने बताया कि यह गैंग पिछले दाे तीन वर्षों से काम कर रहा था. एक आराेपी जसवीर ने पांच से 10 अभ्यार्थियो की जगह परीक्षा में बैठना स्वीकार (Fake examinee caught in Noida) किया है. इस गैंग के पास एसएससी जीडी, इलाहाबाद हाई कोर्ट परीक्षा (एआरओ), इंडियन कोस्ट गार्ड, एचएसएससी, सेन्ट्रल एयरमैन सेलेक्शन बोर्ड, यूपीएसईएसएसबी टीजीटी परीक्षा, आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के एडमिट कार्ड मिले हैं. आशंका जतायी जा रही है कि इन परीक्षाओ में अपने सॉल्वर बैठाते (giving exams for others in Noida) हाेंगे. पकड़ाये लाेगाें में ललित, अनिल कुमार, यशवीर, रोहित और राकेश है. इनके गैंग के लीडर की पहचान हर्षित के रूप में की गयी. ये सभी अलीगढ़ के रहनेवाले (Solver Gang of Aligarh) हैं.हर्षित की तलाश पुलिस कर रही है.
सॉल्वर गैंग की गिरफ्तारी और बरामदगी के संबंध में एडिश्नल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पूछताछ पर सभी ने बताया कि वे लोग हर्षित के साथ मिलकर विभिन्न परीक्षाओं में साल्वर बैठाते थे. लोगों से इसके एवज में मोटी रकम वसूलते थे. हर्षित इनलाेगाें काे काम देता था और ये विभिन्न सेंटरो पर जाते थे. साल्वर के माध्यम से पेपर दिलवाते. इससे पहले प्रवेश पत्रों को एडिटिंग कर उसको तैयार करते.
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साल्वर को देते जिससे वह परीक्षा केन्द्रों पर आसानी से प्रवेश पा सके. इसके ऐवज में पहले 20 हजार और परीक्षा पास होने पर 60 से 70 हजार रुपये साल्वर को देते थे. परीक्षा में पास कराने के नाम पर पार्टी पांच से छह लाख रुपये लेते थे. यशवीर भी अभ्यर्थियों की जगह पेपर देता था. जो पैसे बरामद हुए थे वे साल्वर को देने आये थे. पांचों आराेपियाें के पास से फर्जी प्रवेश पत्र बरामद हुए हैं. आराेपी राकेश व अन्य के फोन चैट से दुबई के एकाउन्ट की डिटेल्स मिली है. सिंगापुर में भी बैंक एकाउन्ट का जिक्र है. विभिन्न अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड और फोटो मिले हैं.
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