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फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, रोजगार के नाम पर ऐसे करते थे ठगी - operation of bhopal crime branch

भोपाल की क्राइम ब्रांच पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर संचालक एक पुरुष सहित चार महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन्हें नोएडा से गिरफ्तार किया है.

five accused arrested from noida
नोएडा से पांच आरोपी गिरफ्तार.
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Published : Jan 17, 2021, 9:23 PM IST

भोपाल/नोएडा : लगातार सामने आ रहे साइबर ठगी के मामले में भोपाल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस मामले में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर संचालक एक पुरुष व चार महिलाओं को भोपाल पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने नोएडा से गिरफ्तार किया है. ये आरोपी पिछले दो सालों से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे, जिनका ऑफिस नोएडा में दो अलग-अलग स्थानों चल रहा था. ये आरोपी ग्लासडॉर व वर्क इंडिया कम्पनी के नाम से लोगों से ठगी करते थे. जानकारी के अनुसार, ये आरोपी देश के अलग-अलग राज्यों में तकरीबन 500 लोगों के साथ अब तक तकरीबन एक करोड़ रुपये तक की ठगी कर चुके हैं.

भोपाल में शिकायत के बाद हुआ खुलासा

अप्रैल 2020 को भोपाल निवासी आवेदक सुनील मालवीय ने शिकायत दर्ज कराई थी की, कि एक प्राइवेट कंपनी में जॉब दिलाने के नाम पर एक कंपनी ने उससे 42 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है. उस शिकायत आवेदन पत्र की जांच पर थाना क्राइम ब्रांच भोपाल में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. इसके बाद से ही क्राइम ब्रांच मामले की जांच में जुट गई थी.

ऑनलाइन एड के माध्यम से देते थे नौकरी का विज्ञापन

आरोपी आम लोगों को नौकरी दिलाने के संबंध में फेक वेब एडवरटाइज बनाकर गूगल एड के माध्यम से विज्ञापन देते थे. जब कोई व्यक्ति उस वेबसाइट पर जाकर नौकरी के फार्म सबमिट करता है तो आरोपी अपने कॉलसेंटर से उस व्यक्ति को कॉल कर ऑनलाइन इन्टरव्यू लेते हैं. बाद में फर्जी डॉक्यूमेंट सेंड कर प्राइवेट संस्थानों में नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं. इसी दौरान रजिस्ट्रेशन फीस, फाइल चार्ज, एग्रीमेंट चार्ज, इंश्योरेंश फीस आदि के नाम पर धोखाधड़ी से राशि ट्रांसफर करा लेते हैं.

ये सामान हुआ बरामद

भोपाल क्राइम ब्रांच ने इन आरोपियों को नोएडा से गिरफ्तार किया. इनके पास से एक लैपटॉप, 8 मोबाइस, 5 एटीएम कार्ड व इन्टरनेट ब्रॉडबेंड कनेक्शन से संबंधित एक राऊटर और एडॉप्टर जब्त किया गया है.

सभी आरोपी अन्य राज्य के निवासी

पुलिस की गिरफ्त में आए पांच आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं. इनमें गिरफ्तार पुरुष नई दिल्ली और चार महिला आरोपियों में से दो हरियाणा और दो नई दिल्ली की बताई जा रही हैं.

गौरतलब है कि देश और मध्य प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है और साइबर सेल के पास भी ऑनलाइन ठगी की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है. पुलिस के सामने यह साइबर ठग बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश में सिर्फ साइबर क्राइम की शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है. कोई भी व्यक्ति जो साइबर ठगी का शिकार हुआ है, वह इस हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

दूसरे राज्यों में बैठे जालसाज पुलिस के लिए चुनौती

ऑनलाइन ठगी के मामले में जब पुलिस की इन्वेस्टिगेशन होती है तो पता चलता है कि कॉल दूसरे राज्यों से आए हैं. जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान. लेकिन जब पुलिस इन राज्यों में पहुंचती है और अपराधियों की धरपकड़ करती है तो पुलिस के सामने कई चुनौतियां रहती हैं. सबसे पहले तो पुलिस को स्थानीय पुलिस की मदद लेनी होती है. कई बार इस प्रक्रिया में इतनी देरी हो जाती है कि अपराधी ही हाथ से निकल जाते हैं. लेकिन हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बाद अब पुलिस को यह सहूलियत भी रहेगी कि स्थानीय पुलिस की मदद तत्काल मिल सकेगी.

हर महीने दर्ज हो रही है 300 से 400 शिकायतें

बदलते जमाने के साथ-साथ अब अपराधियों ने अपराध करने के तरीके भी बदल दिए हैं. हाईटेक जमाने में अब जालसाज भी हाईटेक तरीकों से ही लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. कभी इनाम ऑफर्स के नाम पर तो कभी बैंक कर्मी बनकर लोगों को हजारों लाखों का चूना लगा रहे हैं तो कभी फेसबुक प्रोफाइल हैक कर भी जालसाज ठगी कर रहे हैं. आलम यह है कि राज्य साइबर सेल के पास हर महीने इस तरह की 300 से 400 शिकायतें पहुंच रही हैं. हालांकि कुछ मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जालसाजों को जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाया है.

भोपाल/नोएडा : लगातार सामने आ रहे साइबर ठगी के मामले में भोपाल पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस मामले में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर संचालक एक पुरुष व चार महिलाओं को भोपाल पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने नोएडा से गिरफ्तार किया है. ये आरोपी पिछले दो सालों से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे, जिनका ऑफिस नोएडा में दो अलग-अलग स्थानों चल रहा था. ये आरोपी ग्लासडॉर व वर्क इंडिया कम्पनी के नाम से लोगों से ठगी करते थे. जानकारी के अनुसार, ये आरोपी देश के अलग-अलग राज्यों में तकरीबन 500 लोगों के साथ अब तक तकरीबन एक करोड़ रुपये तक की ठगी कर चुके हैं.

भोपाल में शिकायत के बाद हुआ खुलासा

अप्रैल 2020 को भोपाल निवासी आवेदक सुनील मालवीय ने शिकायत दर्ज कराई थी की, कि एक प्राइवेट कंपनी में जॉब दिलाने के नाम पर एक कंपनी ने उससे 42 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है. उस शिकायत आवेदन पत्र की जांच पर थाना क्राइम ब्रांच भोपाल में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. इसके बाद से ही क्राइम ब्रांच मामले की जांच में जुट गई थी.

ऑनलाइन एड के माध्यम से देते थे नौकरी का विज्ञापन

आरोपी आम लोगों को नौकरी दिलाने के संबंध में फेक वेब एडवरटाइज बनाकर गूगल एड के माध्यम से विज्ञापन देते थे. जब कोई व्यक्ति उस वेबसाइट पर जाकर नौकरी के फार्म सबमिट करता है तो आरोपी अपने कॉलसेंटर से उस व्यक्ति को कॉल कर ऑनलाइन इन्टरव्यू लेते हैं. बाद में फर्जी डॉक्यूमेंट सेंड कर प्राइवेट संस्थानों में नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं. इसी दौरान रजिस्ट्रेशन फीस, फाइल चार्ज, एग्रीमेंट चार्ज, इंश्योरेंश फीस आदि के नाम पर धोखाधड़ी से राशि ट्रांसफर करा लेते हैं.

ये सामान हुआ बरामद

भोपाल क्राइम ब्रांच ने इन आरोपियों को नोएडा से गिरफ्तार किया. इनके पास से एक लैपटॉप, 8 मोबाइस, 5 एटीएम कार्ड व इन्टरनेट ब्रॉडबेंड कनेक्शन से संबंधित एक राऊटर और एडॉप्टर जब्त किया गया है.

सभी आरोपी अन्य राज्य के निवासी

पुलिस की गिरफ्त में आए पांच आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं. इनमें गिरफ्तार पुरुष नई दिल्ली और चार महिला आरोपियों में से दो हरियाणा और दो नई दिल्ली की बताई जा रही हैं.

गौरतलब है कि देश और मध्य प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है और साइबर सेल के पास भी ऑनलाइन ठगी की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है. पुलिस के सामने यह साइबर ठग बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश में सिर्फ साइबर क्राइम की शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है. कोई भी व्यक्ति जो साइबर ठगी का शिकार हुआ है, वह इस हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

दूसरे राज्यों में बैठे जालसाज पुलिस के लिए चुनौती

ऑनलाइन ठगी के मामले में जब पुलिस की इन्वेस्टिगेशन होती है तो पता चलता है कि कॉल दूसरे राज्यों से आए हैं. जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान. लेकिन जब पुलिस इन राज्यों में पहुंचती है और अपराधियों की धरपकड़ करती है तो पुलिस के सामने कई चुनौतियां रहती हैं. सबसे पहले तो पुलिस को स्थानीय पुलिस की मदद लेनी होती है. कई बार इस प्रक्रिया में इतनी देरी हो जाती है कि अपराधी ही हाथ से निकल जाते हैं. लेकिन हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बाद अब पुलिस को यह सहूलियत भी रहेगी कि स्थानीय पुलिस की मदद तत्काल मिल सकेगी.

हर महीने दर्ज हो रही है 300 से 400 शिकायतें

बदलते जमाने के साथ-साथ अब अपराधियों ने अपराध करने के तरीके भी बदल दिए हैं. हाईटेक जमाने में अब जालसाज भी हाईटेक तरीकों से ही लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. कभी इनाम ऑफर्स के नाम पर तो कभी बैंक कर्मी बनकर लोगों को हजारों लाखों का चूना लगा रहे हैं तो कभी फेसबुक प्रोफाइल हैक कर भी जालसाज ठगी कर रहे हैं. आलम यह है कि राज्य साइबर सेल के पास हर महीने इस तरह की 300 से 400 शिकायतें पहुंच रही हैं. हालांकि कुछ मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जालसाजों को जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाया है.

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