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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बाहर किसानों का धरना, चेयरमैन से हुई वार्ता - ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामला

लीजबैक मामले की एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर किसानों का धरना जारी है. धरना समाप्त कराने के लिए बुधवार को किसानों के साथ प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक हुई.

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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी किसान धरना .
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Published : Dec 31, 2020, 2:56 PM IST

ग्रे.नोएडाः ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के लीजबैक घोटाले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट से नाराज किसानों का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना जारी है. प्राधिकरण के अधिकारियों ने धरना समाप्त कराने के लिए किसानों के साथ बुधवार को भी बैठक की. दो से तीन तक घंटे चली बैठक में 51 किसानों का प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ.

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी किसान धरना .

बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन और जिलाधिकारी भी मौजूद रहे. किसानों ने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए उसे रद्द करने की मांग की. इस दौरान अधिकारियों ने किसानों से धरना समाप्त करने की अपील की. किसानों का कहना है कि जब तक एसआईटी की जांच रिपोर्ट रद्द नहीं की जाएगी, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे.

ये है मामला
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 2011 में हुए लीजबैक घोटाले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी. मामले की जांच कर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. किसानों का आरोप है कि लगभग 2,300 मामलों की जांच हुई थी. इनमें से लगभग 1600 सो किसानों की लीजबैक को गलत ठहराया गया है और किसानों को 6 परसेंट प्लॉट का लाभ न देने की सिफारिश की गई है. किसानों का आरोप है कि जांच में अनदेखी की गई है. बाहरी लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मूल किसानों की लीजबैक को एसआईटी की रिपोर्ट में गलत ठहराया गया है.

ग्रे.नोएडाः ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के लीजबैक घोटाले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट से नाराज किसानों का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना जारी है. प्राधिकरण के अधिकारियों ने धरना समाप्त कराने के लिए किसानों के साथ बुधवार को भी बैठक की. दो से तीन तक घंटे चली बैठक में 51 किसानों का प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ.

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी किसान धरना .

बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन और जिलाधिकारी भी मौजूद रहे. किसानों ने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए उसे रद्द करने की मांग की. इस दौरान अधिकारियों ने किसानों से धरना समाप्त करने की अपील की. किसानों का कहना है कि जब तक एसआईटी की जांच रिपोर्ट रद्द नहीं की जाएगी, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे.

ये है मामला
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 2011 में हुए लीजबैक घोटाले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी. मामले की जांच कर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. किसानों का आरोप है कि लगभग 2,300 मामलों की जांच हुई थी. इनमें से लगभग 1600 सो किसानों की लीजबैक को गलत ठहराया गया है और किसानों को 6 परसेंट प्लॉट का लाभ न देने की सिफारिश की गई है. किसानों का आरोप है कि जांच में अनदेखी की गई है. बाहरी लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मूल किसानों की लीजबैक को एसआईटी की रिपोर्ट में गलत ठहराया गया है.

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