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नोएडा: गर्भवती महिला की मौत मामले में DM ने लिया संज्ञान, कार्रवाई के दिए निर्देश - डीएम सुहास एल. वाई.

सही वक्त पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से, गर्भवती महिला की मौत हो जाने के मामले में डीएम सुहास एल. वाई. ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक अहोरी को जांच सौंप दी है. जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस प्रकरण में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

गर्भवती महिला की मौत पर कार्रवाई के आदेश
गर्भवती महिला की मौत पर कार्रवाई के आदेश
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Published : Jun 7, 2020, 1:20 PM IST

नोएडाः कोरोना वायरस बीमारी की आड़ में अस्पताल मरीजों को लेने से मना कर रहे हैं. अक्सर देखा जाता है कि मरीजों की हालत गंभीर होने के बावजूद दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दी जाती है. जिसके चलते समय पर मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है और उनकी मौत हो जाती है.

ऐसा ही एक मामला नोएडा में आया है, जहां 8 महीने की गर्भवती महिला को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा. प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों ने भी भर्ती करने से मना कर दिया. वहीं जिस अस्पताल में इलाज चल रहा था, उसने भी दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दे डाली.

गर्भवती महिला की मौत

अस्पताल गेट पर तोड़ा दम

आखिर महिला ने ग्रेटर नोएडा के अस्पताल के गेट पर दम तोड़ दिया. मामले को तूल पकड़ता देख जिला प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अपर जिलाधिकारी की टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए. मरने वाली गर्भवती महिला गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी की रहने वाली थी.

आरोप है कि जेम्स हॉस्पिटल, मैक्स, एएसआई, जिला अस्पताल, शिवालिक और शारदा अस्पतालों ने महिला को एडमिट करने से मना कर दिया था. वहीं गर्भवती महिला ने जेम्स अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया. बता दें कि शिवालिक हॉस्पिटल में महिला का इलाज चल रहा था, जिसने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया था.

डीएम ने मामले का लिया संज्ञान

जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

डीएम सुहास एल. वाई. ने इस पूरे मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक अहोरी को सौंप दी है. जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस मामले में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

नोएडाः कोरोना वायरस बीमारी की आड़ में अस्पताल मरीजों को लेने से मना कर रहे हैं. अक्सर देखा जाता है कि मरीजों की हालत गंभीर होने के बावजूद दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दी जाती है. जिसके चलते समय पर मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है और उनकी मौत हो जाती है.

ऐसा ही एक मामला नोएडा में आया है, जहां 8 महीने की गर्भवती महिला को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा. प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों ने भी भर्ती करने से मना कर दिया. वहीं जिस अस्पताल में इलाज चल रहा था, उसने भी दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दे डाली.

गर्भवती महिला की मौत

अस्पताल गेट पर तोड़ा दम

आखिर महिला ने ग्रेटर नोएडा के अस्पताल के गेट पर दम तोड़ दिया. मामले को तूल पकड़ता देख जिला प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अपर जिलाधिकारी की टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए. मरने वाली गर्भवती महिला गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी की रहने वाली थी.

आरोप है कि जेम्स हॉस्पिटल, मैक्स, एएसआई, जिला अस्पताल, शिवालिक और शारदा अस्पतालों ने महिला को एडमिट करने से मना कर दिया था. वहीं गर्भवती महिला ने जेम्स अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया. बता दें कि शिवालिक हॉस्पिटल में महिला का इलाज चल रहा था, जिसने महिला को भर्ती करने से मना कर दिया था.

डीएम ने मामले का लिया संज्ञान

जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश

डीएम सुहास एल. वाई. ने इस पूरे मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक अहोरी को सौंप दी है. जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस मामले में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.

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