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सीएम योगी के मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करते ही शुरू हो गया विवाद - Mihir Bhoj Controversial today

ग्रेटर नोएडा में सीएम योगी ने राजा भोज की प्रतिमा का अनावरण तो कर दिया, लेकिन एक विवाद की शुरुआत हो गई. जानिए क्या थी वो बात, जिसके बाद एक समुदाय के लोगों ने सीएम के जाते ही मंच पर जाकर हंगामा किया.

मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण.
मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण.
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Published : Sep 22, 2021, 9:57 PM IST

नोएडा: सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजा मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण ग्रेटर नोएडा के दादरी में किया. हालांकि राजा भोज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हाटने पर बवाल मच गया.

ग्रेटर नोएडा के दादरी में प्रतिमा के अनावरण से पहले ही एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें भाजपा के मंत्री सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के नीचे लिखे शिलापट्टिका से हटाए गए गुर्जर शब्द को प्लास्टिक की पन्नी से चिपकाते हुए नजर आए. इसके बाद गुर्जरों का गुस्सा फूट पड़ा और मुख्यमंत्री के प्रस्थान करते ही उन्होंने मंच पर जाकर बवाल कर दिया.

प्रतिमा अनावरण के बाद शुरू हुआ विवाद.

गुर्जर संगठन के लोगों ने मंच पर ही खड़े होकर स्थानीय विधायक तेजपाल नागर खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और भाजपा संगठन के पदाधिकारी से कहा कि जब यह प्रतिमा का अनावरण गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से हो रहा था तो किसके कहने पर गुर्जर शब्द हटाया गया.

अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हरीश चौधरी का कहना था हम इसका विरोध इसलिए कर रहे हैं कि पूरे भारतवर्ष से समाज के सभी लोग आए हुए थे. यह हमारे गुर्जर जाति का प्रोग्राम था उसको बीजेपी का बताया गया. हम इस बात से नाराज नहीं है, लेकिन हम इस बात को बर्दाश्त भी नहीं कर सकते कि हमारे पूर्वज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाया जाए. उन्होंने सीधे-सीधे अपनी जाति का अपमान बताया.

इसे भी पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि मौत मामला: आरोपी आद्या तिवारी का बेटा संदीप तिवारी गिरफ्तार

भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी में किसान प्रकोष्ठ के सदस्य से जब पूछा गया कि जो महापुरुष होते हैं उनको जातियों में बांटना चाहिए. उनका कहना था कि महापुरुषों की कोई जाति नहीं होती है, लेकिन जब जिस जाति में पैदा होते हैं उस जाति के लोगों को गौरवान्वित होने का अधिकार है. वह भी मानते हैं कि अगर प्रतिमा के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाया गया है यह गलत हुआ.

नोएडा: सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजा मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण ग्रेटर नोएडा के दादरी में किया. हालांकि राजा भोज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हाटने पर बवाल मच गया.

ग्रेटर नोएडा के दादरी में प्रतिमा के अनावरण से पहले ही एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें भाजपा के मंत्री सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के नीचे लिखे शिलापट्टिका से हटाए गए गुर्जर शब्द को प्लास्टिक की पन्नी से चिपकाते हुए नजर आए. इसके बाद गुर्जरों का गुस्सा फूट पड़ा और मुख्यमंत्री के प्रस्थान करते ही उन्होंने मंच पर जाकर बवाल कर दिया.

प्रतिमा अनावरण के बाद शुरू हुआ विवाद.

गुर्जर संगठन के लोगों ने मंच पर ही खड़े होकर स्थानीय विधायक तेजपाल नागर खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और भाजपा संगठन के पदाधिकारी से कहा कि जब यह प्रतिमा का अनावरण गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से हो रहा था तो किसके कहने पर गुर्जर शब्द हटाया गया.

अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हरीश चौधरी का कहना था हम इसका विरोध इसलिए कर रहे हैं कि पूरे भारतवर्ष से समाज के सभी लोग आए हुए थे. यह हमारे गुर्जर जाति का प्रोग्राम था उसको बीजेपी का बताया गया. हम इस बात से नाराज नहीं है, लेकिन हम इस बात को बर्दाश्त भी नहीं कर सकते कि हमारे पूर्वज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाया जाए. उन्होंने सीधे-सीधे अपनी जाति का अपमान बताया.

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भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी में किसान प्रकोष्ठ के सदस्य से जब पूछा गया कि जो महापुरुष होते हैं उनको जातियों में बांटना चाहिए. उनका कहना था कि महापुरुषों की कोई जाति नहीं होती है, लेकिन जब जिस जाति में पैदा होते हैं उस जाति के लोगों को गौरवान्वित होने का अधिकार है. वह भी मानते हैं कि अगर प्रतिमा के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाया गया है यह गलत हुआ.

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