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कम्युनिटी रिपोर्टिंग: नोएडा सेक्टर-19 के लोगों को जान पर खेलकर रास्ता करना पड़ता है पार

ईटीवी भारत की टीम ने कम्युनिटी रिपोर्टिंग की सीरीज के तहत नोएडा सेक्टर-19 के लोगों की समस्याएं जानी. देखिये रिपोर्ट.

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Published : Sep 20, 2019, 11:14 PM IST

नोएडा सेक्टर-19 के लोगों को जान पर खेलकर रास्ता करना पड़ता है पार

नोएडा: कम्युनिटी रिपोर्टिंग की सीरीज में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा सेक्टर-19 के लोगों से उनकी समस्याओं को जाना. नोएडा सेक्टर-19 में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो सेक्टर दो हिस्सों में बंटा दिखा. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले डेढ़ महीने पहले एक पुलिया टूटी थी जो अभी तक नहीं बनी है. उसकी हालत जस की तस बनी हुई है. लोग सांसद, विधायक और नोएडा अथॉरिटी से सवाल कर पूछ रहे हैं कि क्या किसी हादसे का इंतजार किया जा रहा है?

नोएडा सेक्टर-19 के लोगों को जान पर खेलकर रास्ता करना पड़ता है पार

दो हिस्सों में बंटा है सेक्टर-19
सेक्टर-19 अहम इसलिए भी है क्योंकि यहां पर नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट का कार्यलय, सैनिक बोर्ड का ऑफिस, नोएडा का सबसे बड़ा पोस्ट ऑफिस और पासपोर्ट ऑफिस है. स्थिति ऐसी है कि इसके अंदर बने ब्लॉक-C के लोगों को ब्लॉक-B में जाने के लिए जान पर खेलकर जाना पड़ता है. लोगों ने बताया कि यहां पर दो हादसे भी हो चुके हैं. एक बच्चे के चेहरे पर गंभीर चोटें आईं थी, लेकिन जिला प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

सांसद, विधायक, अथॉरिटी कहीं नहीं सुनवाई
सेक्टर-19 RWA के ज्वाइंट सेक्रेट्री आर.पी महेश्वरि ने बताया कि उनकी मुलाकात CEO अथॉरिटी से भी हुई, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा. उन्होंने बताया कि अथॉरिटी के संबंधित अधिकारियों से बात की लेकिन कोई हल नहीं निकला. गौतमबुद्ध नगर सांसद डॉक्टर महेश शर्मा से भी बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

लोगों को डेंगू का सता रहा है डर
सेक्टर-19 की पारुल महेश्वरि बताती हैं कि 10 कदम की दूरी के लिए 2 से 3 किमी का चक्कर काटना पड़ता है. नाला खुला होने की वजह से लोगों को परेशानी होती है. लोगों में डेंगू का डर है.

नोएडा: कम्युनिटी रिपोर्टिंग की सीरीज में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा सेक्टर-19 के लोगों से उनकी समस्याओं को जाना. नोएडा सेक्टर-19 में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो सेक्टर दो हिस्सों में बंटा दिखा. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले डेढ़ महीने पहले एक पुलिया टूटी थी जो अभी तक नहीं बनी है. उसकी हालत जस की तस बनी हुई है. लोग सांसद, विधायक और नोएडा अथॉरिटी से सवाल कर पूछ रहे हैं कि क्या किसी हादसे का इंतजार किया जा रहा है?

नोएडा सेक्टर-19 के लोगों को जान पर खेलकर रास्ता करना पड़ता है पार

दो हिस्सों में बंटा है सेक्टर-19
सेक्टर-19 अहम इसलिए भी है क्योंकि यहां पर नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट का कार्यलय, सैनिक बोर्ड का ऑफिस, नोएडा का सबसे बड़ा पोस्ट ऑफिस और पासपोर्ट ऑफिस है. स्थिति ऐसी है कि इसके अंदर बने ब्लॉक-C के लोगों को ब्लॉक-B में जाने के लिए जान पर खेलकर जाना पड़ता है. लोगों ने बताया कि यहां पर दो हादसे भी हो चुके हैं. एक बच्चे के चेहरे पर गंभीर चोटें आईं थी, लेकिन जिला प्रशासन शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

सांसद, विधायक, अथॉरिटी कहीं नहीं सुनवाई
सेक्टर-19 RWA के ज्वाइंट सेक्रेट्री आर.पी महेश्वरि ने बताया कि उनकी मुलाकात CEO अथॉरिटी से भी हुई, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा. उन्होंने बताया कि अथॉरिटी के संबंधित अधिकारियों से बात की लेकिन कोई हल नहीं निकला. गौतमबुद्ध नगर सांसद डॉक्टर महेश शर्मा से भी बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

लोगों को डेंगू का सता रहा है डर
सेक्टर-19 की पारुल महेश्वरि बताती हैं कि 10 कदम की दूरी के लिए 2 से 3 किमी का चक्कर काटना पड़ता है. नाला खुला होने की वजह से लोगों को परेशानी होती है. लोगों में डेंगू का डर है.

Intro:कम्युनिटी रिपोर्टिंग की सीरीज़ में ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा सेक्टर 19 के लोगों से समस्या जानी। नोएडा सेक्टर 19 दो हिस्सों में बंटा, ऐसे इसलिए क्योंकि पिछले डेढ़ महीने पहले एक पुलिया टूटी थी लेकिन अभी तक स्तिथी जस की तस है। लोगो सांसद, विधायक और नोएडा अथॉरिटी से सवाल कर पूछ रहे हैं कि क्या किसी हादसे का इंतज़ार है?


Body:"दो हिस्सों में बंटा सेक्टर" सेक्टर 19 अहम इसलिए भी है क्योंकि यहां पर नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट कार्यलय, सैनिक बोर्ड का ऑफिस, नोएडा के सबसे बड़ा पोस्ट ऑफिस और पासपोर्ट ऑफिस है। स्थिति ऐसी है कि सेक्टर के अंदर बनें ब्लॉक C के लोगों को ब्लॉक B में जाने के लिए जान पर खेलकर जाना पड़ता है। सेक्टरवासियों ने बताया कि यहां दो हादसे भी हो चुके हैं। एक बच्चे के तो चेहरे पर गंभीर चोट भी आई है। लेकिन सेक्टरवासी का कहना है कि जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है और शायद तभी उसकी नींद टूटेगी। "सांसद, विधायक, अथॉरिटी कहीं नहीं सुनवाई" सेक्टर 19 RWA के ज्वाइंट सेक्रेट्री आर.पी महेश्वरि ने बताया कि उनकी मुलाकात CEO अथॉरिटी से भी हुई लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा। उन्होंने बताया अथॉरिटी के संबंधित अधिकारियों सर बात की लेकिन कोई हल नहीं निकला। गौतमबुद्ध नगर सांसद डॉक्टर महेश शर्मा से भी बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।


Conclusion:"डेंगू का सता रहा डर" सेक्टर 19 की पारुल महेश्वरि बताती हैं कि 10 कदम की दूरी के लिए 2 से 3 किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है। नाला खुला होने की वजह से बदबू की वजह से लोगों को समस्याएं होनी शुरू हो गई। डेंगू का डर सोसायटिवासियों में है। स्वछता की बात की जाती है लेकिन खुले नाले की बदबू से लोग परेशान है।
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