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ग्रेटर नोएडा का AQI 330, जिला प्रशासन ने उठाया ये कदम

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Published : Nov 13, 2020, 4:24 PM IST

एनसीआर में इस समय गौतमबुद्ध नगर सबसे प्रदूषित शहर है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 के पार पहुंच गया है.

ग्रेटर नोएडा में 330 AQI
ग्रेटर नोएडा में 330 AQI

नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा में जहर प्रतिदिन बढ़ रहा है. तमाम इंतजामों के बाद भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. शहरवासियों को 1 हफ्ते बाद स्मॉग से राहत मिली है. तेज धूप और हवाएं चलने के कारण ये राहत मिली है.

GRAP ( ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत जिला प्रशासन, अथॉरिटी और UPPCB के सख्त कदम उठाने का असर दिखने लगा है. एनसीआर में इस समय गौतमबुद्ध नगर सबसे प्रदूषित शहर है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 के पार दर्ज किया गया है.

ग्रेटर नोएडा में 330 AQI

ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI

सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज्यादा ग्रेटर नोएडा प्रदूषित है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं. इसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 278 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 385 दर्ज किया गया है.

ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में है. ऐसे में अथॉरिटीज को नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा, जिससे लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सके.

नोएडा में दर्ज AQI

नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन इंस्टॉल किए हैं. इसमें सेक्टर 62 स्टेशन में AQI 351 , सेक्टर 125 के स्टेशन में AQI 321, सेक्टर 1 में AQI 308 और सेक्टर 116 में AQI 350 दर्ज किया गया है. जिले की सेहत नाज़ुक होती जा रही है. इस ओर जिला प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और लोगों की समस्याएं बढ़ेंगी.

राहत की सांस

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार बढ़ रहा एयर क्वालिटी इंडेक्स जिला प्रशासन और अथॉरिटी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. बीते दिनों AQI गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था. जिला प्रशासन और नोएडा अथॉरिटी के एक्शन प्लान के तहत एक्यूआई कम हुआ है. हालांकि, स्थिति अभी भी खतरनाक श्रेणी में है.

क्या होता है AQI

एयर क्वालिटी इंडेक्स या वायु गुणवत्ता सूचकांक एक नंबर होता है. इस नम्बर से हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है. इसके जरिए भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा में जहर प्रतिदिन बढ़ रहा है. तमाम इंतजामों के बाद भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. शहरवासियों को 1 हफ्ते बाद स्मॉग से राहत मिली है. तेज धूप और हवाएं चलने के कारण ये राहत मिली है.

GRAP ( ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत जिला प्रशासन, अथॉरिटी और UPPCB के सख्त कदम उठाने का असर दिखने लगा है. एनसीआर में इस समय गौतमबुद्ध नगर सबसे प्रदूषित शहर है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 के पार दर्ज किया गया है.

ग्रेटर नोएडा में 330 AQI

ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI

सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज्यादा ग्रेटर नोएडा प्रदूषित है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं. इसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 278 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 385 दर्ज किया गया है.

ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में है. ऐसे में अथॉरिटीज को नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा, जिससे लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सके.

नोएडा में दर्ज AQI

नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन इंस्टॉल किए हैं. इसमें सेक्टर 62 स्टेशन में AQI 351 , सेक्टर 125 के स्टेशन में AQI 321, सेक्टर 1 में AQI 308 और सेक्टर 116 में AQI 350 दर्ज किया गया है. जिले की सेहत नाज़ुक होती जा रही है. इस ओर जिला प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और लोगों की समस्याएं बढ़ेंगी.

राहत की सांस

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार बढ़ रहा एयर क्वालिटी इंडेक्स जिला प्रशासन और अथॉरिटी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. बीते दिनों AQI गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था. जिला प्रशासन और नोएडा अथॉरिटी के एक्शन प्लान के तहत एक्यूआई कम हुआ है. हालांकि, स्थिति अभी भी खतरनाक श्रेणी में है.

क्या होता है AQI

एयर क्वालिटी इंडेक्स या वायु गुणवत्ता सूचकांक एक नंबर होता है. इस नम्बर से हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है. इसके जरिए भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

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