ETV Bharat / state

रजिस्ट्री विभाग का 1096.81 करोड़ 'अटका', 33 हजार फ्लैट्स की नहीं हुई रजिस्ट्री

author img

By

Published : Oct 15, 2020, 2:39 PM IST

नोएडा में बिल्डरों ने फ्लैट्स बायर्स को फ्लैट पर कब्जा दे दिया और रजिस्ट्री नहीं कराई. इस वजह से गौतमबुद्ध नगर राजस्व विभाग के तकरीबन 1100 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में फंसा हुआ है.

गौतमबुद्ध नगर रजिस्ट्री विभाग का 1096.81 करोड़ 'अटका'!
गौतमबुद्ध नगर रजिस्ट्री विभाग का 1096.81 करोड़ 'अटका'!

नोएडाः गौतमबुद्ध नगर राजस्व विभाग के तकरीबन 1100 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में फंसा हुआ है. बिल्डरों ने फ्लैट्स बायर्स को फ्लैट पर कब्जा दे दिया और रजिस्ट्री नहीं कराई. गौतमबुद्ध नगर में 33,617 फ्लैट्स बायर्स ऐसे हैं, जिनकी रजिस्ट्री ही नहीं हुई. अब इसको बिल्डरों पर सरकार का नरम रुख कहें या बिल्डरों की मनमानी. नियम के मुताबिक बिल्डर को कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद बायर्स की रजिस्ट्री करानी होती है, लेकिन ऐसा नहीं होने पर नतीजा ये कि सरकार का 1 हजार करोड़ से ज्यादा फंसा हुआ है.

गौतमबुद्ध नगर रजिस्ट्री विभाग का 1096.81 करोड़ 'अटका'!

गौतमबुद्ध नगर DIG स्टाम्प जीपी सिंह ने बताया कि प्राधिकरण ने जिन बिल्डर्स की योजनाओं को CC (कम्पलीशन सर्टिफिकेट) जारी किया गया, जिनकी सब लीज रजिस्ट्री कराने में कोई बाधा नहीं है, ऐसे 35,671 फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हुई. जिसकी वजह से तकरीबन 1100 करोड़ रुपये रजिस्ट्री विभाग का फंसा हुआ है.

बिल्डर से लगातार संपर्क में है राजस्व विभाग
जीपी सिंह कहना है कि राजस्व विभाग बिल्डर से लगातार संपर्क में है और कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्री हो ताकि राजस्व की प्राप्ति हो सके. राजस्व विभाग की कोशिश है कि उनको दस्तावेज मिल जाए, ताकि भविष्य में वह कोई कार्रवाई करना चाहे तो कागजों के आधार पर की जा सके.

उप निबंधन कार्यालय फ्लैट संख्या रुपये (करोड़)
1.उप निबंधनप्रथम 9290 467.28
2.उप निबंधनद्वितीय 9569 289.31
3.उप निबंधनतृतीय 5868 145.98
4.उप निबंधनग्रेनो 8890 194.24
कुल 33,617 1096.81

नोएडाः गौतमबुद्ध नगर राजस्व विभाग के तकरीबन 1100 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में फंसा हुआ है. बिल्डरों ने फ्लैट्स बायर्स को फ्लैट पर कब्जा दे दिया और रजिस्ट्री नहीं कराई. गौतमबुद्ध नगर में 33,617 फ्लैट्स बायर्स ऐसे हैं, जिनकी रजिस्ट्री ही नहीं हुई. अब इसको बिल्डरों पर सरकार का नरम रुख कहें या बिल्डरों की मनमानी. नियम के मुताबिक बिल्डर को कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद बायर्स की रजिस्ट्री करानी होती है, लेकिन ऐसा नहीं होने पर नतीजा ये कि सरकार का 1 हजार करोड़ से ज्यादा फंसा हुआ है.

गौतमबुद्ध नगर रजिस्ट्री विभाग का 1096.81 करोड़ 'अटका'!

गौतमबुद्ध नगर DIG स्टाम्प जीपी सिंह ने बताया कि प्राधिकरण ने जिन बिल्डर्स की योजनाओं को CC (कम्पलीशन सर्टिफिकेट) जारी किया गया, जिनकी सब लीज रजिस्ट्री कराने में कोई बाधा नहीं है, ऐसे 35,671 फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हुई. जिसकी वजह से तकरीबन 1100 करोड़ रुपये रजिस्ट्री विभाग का फंसा हुआ है.

बिल्डर से लगातार संपर्क में है राजस्व विभाग
जीपी सिंह कहना है कि राजस्व विभाग बिल्डर से लगातार संपर्क में है और कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्री हो ताकि राजस्व की प्राप्ति हो सके. राजस्व विभाग की कोशिश है कि उनको दस्तावेज मिल जाए, ताकि भविष्य में वह कोई कार्रवाई करना चाहे तो कागजों के आधार पर की जा सके.

उप निबंधन कार्यालय फ्लैट संख्या रुपये (करोड़)
1.उप निबंधनप्रथम 9290 467.28
2.उप निबंधनद्वितीय 9569 289.31
3.उप निबंधनतृतीय 5868 145.98
4.उप निबंधनग्रेनो 8890 194.24
कुल 33,617 1096.81
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.