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'अन्न किसान तैयार करता, MRP कोई और तय करता, ये नहीं होने देंगे'

भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिलाध्यक्ष राजीव नागर ने कहा कि कई राउंड की वार्ता हो चुकी है. किसान आगे भी वार्ता को तैयार हैं, लेकिन खुले दिल से सरकार किसानों से बातचीत करें और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लिखित रूप से गारंटी के बजाय कानून बनाया जाए और एमएसपी से कम दामों पर खरीदने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया जाए.

farmers protest at chilla border
नोएडा चिल्ला बॉर्डर किसानों का आंदोलन.
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Published : Dec 24, 2020, 2:15 PM IST

नोएडा: दिल्ली नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर 24 वें दिन धरना-प्रदर्शन जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चौथे दिन भी 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार लिखित आश्वासन नहीं बल्कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाए. भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के पदाधिकारियों ने कहा कि कृषि कानून के समर्थन में किसान पैसों के दम पर लाए जा रहे हैं.

नोएडा चिल्ला बॉर्डर किसानों का आंदोलन.
'MSP का कानून बनाएं आश्वासन नहीं चाहिए'भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिलाध्यक्ष राजीव नागर ने कहा कि कई राउंड की वार्ता हो चुकी है. किसान आगे भी वार्ता को तैयार हैं, लेकिन खुले दिल से सरकार किसानों से बातचीत करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लिखित रूप से गारंटी के बजाय कानून बनाया जाए और एमएसपी से कम दामों पर खरीदने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया जाए. अन्न किसान उगाता है और मूल्य निजी कंपनियां तय करेंगी, यह किसानों के साथ अन्याय है. 'भाड़े पर बुलाए जा रहे कृषि कानून के समर्थन में किसान'भारतीय किसान यूनियन भानू के पदाधिकारियों ने कृषि कानून के समर्थन में आ रहे किसानों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार उन्हें पैसे देकर बुला रही है. भानु गुट के पदाधिकारी ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि ऐसे किसानों पर धिक्कार है. कृषि बिल के समर्थन में आए को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि एक मंच पर बैठें और तीनों कृषि बिल पर बात करें और बताएं कि इसमें किसानों के हित में क्या है?

नोएडा: दिल्ली नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर 24 वें दिन धरना-प्रदर्शन जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चौथे दिन भी 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार लिखित आश्वासन नहीं बल्कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाए. भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के पदाधिकारियों ने कहा कि कृषि कानून के समर्थन में किसान पैसों के दम पर लाए जा रहे हैं.

नोएडा चिल्ला बॉर्डर किसानों का आंदोलन.
'MSP का कानून बनाएं आश्वासन नहीं चाहिए'भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिलाध्यक्ष राजीव नागर ने कहा कि कई राउंड की वार्ता हो चुकी है. किसान आगे भी वार्ता को तैयार हैं, लेकिन खुले दिल से सरकार किसानों से बातचीत करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लिखित रूप से गारंटी के बजाय कानून बनाया जाए और एमएसपी से कम दामों पर खरीदने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया जाए. अन्न किसान उगाता है और मूल्य निजी कंपनियां तय करेंगी, यह किसानों के साथ अन्याय है. 'भाड़े पर बुलाए जा रहे कृषि कानून के समर्थन में किसान'भारतीय किसान यूनियन भानू के पदाधिकारियों ने कृषि कानून के समर्थन में आ रहे किसानों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार उन्हें पैसे देकर बुला रही है. भानु गुट के पदाधिकारी ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि ऐसे किसानों पर धिक्कार है. कृषि बिल के समर्थन में आए को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि एक मंच पर बैठें और तीनों कृषि बिल पर बात करें और बताएं कि इसमें किसानों के हित में क्या है?
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