फिरोजाबादः बीते कई दिनों से यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण फिरोजाबाद में बाढ़ का खतरा बढ़ गया था. शुक्रवार को यमुना नदी में जलस्तर में गिरावट आई. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. जल स्तर बढ़ने से टूण्डला तहसील के कई गांव प्रभावित थे. सदर तहसील के गांव सोफीपुर के निकट शिव मंदिर और गांव चंद्रवार के निकट पसीना वाले हनुमानजी के मंदिर तक पानी पहुंच गया था.
जिलाधिकारी डॉ.उज्ज्वल कुमार ने बताया कि हालात पर नजर बनी हुई है. इसके साथ ही बाढ़ राहत टीमें भी सक्रिय हैं, जो हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. हरियाणा के हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का रौद्र रूप लोगों को डराने लगा था. दिल्ली के साथ-साथ मथुरा और वृंदावन में पानी काफी ऊंचे पर आने के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे. आगरा और फिरोजाबाद यमुना नदी में के किनारे बसे गांवों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया था. यमुना नदी के उफान से कई गांवों के किसानों की फसलें जलमग्न हो गयी थीं.
जिलाधिकारी के अनुसार, टूण्डला तहसील के गांव ज्यादा प्रभावित हुए थे. इनमें रूधऊ मुस्तकिल और ठार भूरा में पानी घुस आया था. इन गांवों में फंसे ग्रामीणों को जिला प्रशासन ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला था और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था. सदर तहसील के कुछ गांव के किसान प्रभावित हुए थे. सोफीपुर के घाटों पर तो मंदिर पानी मे डूब गए थे. लेकिन, राहत की खबर यह है कि 2 दिन से यमुना का पानी खतरे के नीचे आने लगा है.
बता दें कि भले ही जिले में बाढ़ का खतरा टलता नजर आ रहा हो, लेकिन पानी घटने के साथ-साथ अब संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. वहीं किसान अपनी खेतो के जलमग्न होने के बाद खराब हुई फसलों को लेकर भी चिंतित हैं. कुछ किसान बाढ़ के चलते धान की खेती न कर पाने को लेकर भी परेशान हैं.
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