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डीजल की बढ़ती कीमतों ने ट्रांसपोर्टरों को दिया झटका - ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर महंगाई का असर

यूपी के फिरोजाबाद में चूड़ी कारोबारियों को कोरोनाकाल में बड़ा झटका झेलना पड़ा है. वहीं अब डीजल की बढ़ती कीमतों ने ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. इसका असर व्यापार पर भी देखा जा रहा है.

डीजल की बढ़ती कीमतों ने दिया झटका
डीजल की बढ़ती कीमतों ने दिया झटका
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Published : Jun 27, 2021, 11:11 AM IST

Updated : Jun 27, 2021, 12:04 PM IST

फिरोजाबाद: कोरोनाकाल में कम हुई चूड़ियों की खनक अभी लौटी भी नहीं थी कि डीजल की बढ़ती कीमतों ने इस कारोबार को जोर का झटका दिया है. डीजल के दाम बढ़ने से जहां ट्रांसपोर्टर भाड़ा बढ़ाने के लिए कारोबारियों पर दवाब डाल रहे हैं, वहीं चूड़ी कारोबारियों की अपनी मजबूरी है. कारोबारी अगर ज्यादा भाड़ा देने के लिए तैयार हो जाते हैं तो मजबूरन चूड़ियों का भी रेट बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन बढ़े रेट पर ग्राहक चूड़ियों को खरीदने के लिए तैयार नहीं है. ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों के बीच चल रही खींचतान के कारण गोदामों में माल भरा पड़ा है

जानकारी देते ट्रांसपोर्ट कारोबारी और चूड़ी कारोबारी
फिरोजाबाद को सुहाग नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां की चूड़ियों की खनक भी पूरे देश में सुनाई देती है. यहां दो सौ कारखानों में चूड़ियों का उत्पादन होता है. करीब चार लाख मजदूरों की रोजी-रोटी इस कारोबार से चलती है. वैसे तो चूड़ियों की मांग वर्ष भर रहती है. लेकिन करवा चौथ के त्योहार पर लाल और सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियों की डिमांड अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है.

कोविड की पहली लहर में इस कारोबार को जोर का झटका लगा. कारोबारियों के सामने कई तरह के संकट भी आए. लहर कम हुयी तो कारोबार की गाड़ी पटरी पर आना शुरू हुई, लेकिन कोविड की दूसरी लहर ने इस कारोबार की कमर तोड़ कर ही रख दी. कोविड की दूसरी लहर कम होते ही कारोबार की छूट मिली तो अब डीजल की बढ़ी कीमतों ने इस कारोबार को जोर का झटका दिया है.

डीजल की दरें 90 से 95 रुपये प्रति लीटर के आसपास हैं. ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के सामने भाड़ा बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं है. इन सबके बीच चूडी कारोबारी भाड़ा बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं. इसकी वजह यह है कि अगर चूडी कारोबारी बढ़ा हुआ भाड़ा देने को तैयार हो जाते हैं तो मजबूरन उन्हें चूड़ियों की कीमत बढ़ानी पड़ेगी, लेकिन खरीदार बढ़ी कीमत पर चूड़ियां खरीदने के लिए तैयार नहीं हैं.

ट्रांसपोर्ट कारोबारी प्रशांत तिवारी कहना है कि आए दिन डीजल की कीमतों में उछाल आ रहा है. कुछ प्रदेशों में तो 100 रुपया प्रति लीटर तक इसकी कीमत पहुंच चुकी है. ऐसे में हम लोगों के सामने भाड़ा बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं है.

चूड़ी कारोबारी गौरव अग्रवाल का कहना है कि सावन माह के त्योहारी सीजन में हमारा माल स्टॉक में पड़ा है. डीजल की महंगा और बढ़े हुए भाड़े की वजह से हम माल को ग्राहकों तक नहीं भेज पा रहे हैं, क्योंकि खरीदार महंगी चूड़ियां खरीदने के लिए तैयार नहीं है.

फिरोजाबाद: कोरोनाकाल में कम हुई चूड़ियों की खनक अभी लौटी भी नहीं थी कि डीजल की बढ़ती कीमतों ने इस कारोबार को जोर का झटका दिया है. डीजल के दाम बढ़ने से जहां ट्रांसपोर्टर भाड़ा बढ़ाने के लिए कारोबारियों पर दवाब डाल रहे हैं, वहीं चूड़ी कारोबारियों की अपनी मजबूरी है. कारोबारी अगर ज्यादा भाड़ा देने के लिए तैयार हो जाते हैं तो मजबूरन चूड़ियों का भी रेट बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन बढ़े रेट पर ग्राहक चूड़ियों को खरीदने के लिए तैयार नहीं है. ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों के बीच चल रही खींचतान के कारण गोदामों में माल भरा पड़ा है

जानकारी देते ट्रांसपोर्ट कारोबारी और चूड़ी कारोबारी
फिरोजाबाद को सुहाग नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां की चूड़ियों की खनक भी पूरे देश में सुनाई देती है. यहां दो सौ कारखानों में चूड़ियों का उत्पादन होता है. करीब चार लाख मजदूरों की रोजी-रोटी इस कारोबार से चलती है. वैसे तो चूड़ियों की मांग वर्ष भर रहती है. लेकिन करवा चौथ के त्योहार पर लाल और सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियों की डिमांड अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है.

कोविड की पहली लहर में इस कारोबार को जोर का झटका लगा. कारोबारियों के सामने कई तरह के संकट भी आए. लहर कम हुयी तो कारोबार की गाड़ी पटरी पर आना शुरू हुई, लेकिन कोविड की दूसरी लहर ने इस कारोबार की कमर तोड़ कर ही रख दी. कोविड की दूसरी लहर कम होते ही कारोबार की छूट मिली तो अब डीजल की बढ़ी कीमतों ने इस कारोबार को जोर का झटका दिया है.

डीजल की दरें 90 से 95 रुपये प्रति लीटर के आसपास हैं. ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के सामने भाड़ा बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं है. इन सबके बीच चूडी कारोबारी भाड़ा बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं. इसकी वजह यह है कि अगर चूडी कारोबारी बढ़ा हुआ भाड़ा देने को तैयार हो जाते हैं तो मजबूरन उन्हें चूड़ियों की कीमत बढ़ानी पड़ेगी, लेकिन खरीदार बढ़ी कीमत पर चूड़ियां खरीदने के लिए तैयार नहीं हैं.

ट्रांसपोर्ट कारोबारी प्रशांत तिवारी कहना है कि आए दिन डीजल की कीमतों में उछाल आ रहा है. कुछ प्रदेशों में तो 100 रुपया प्रति लीटर तक इसकी कीमत पहुंच चुकी है. ऐसे में हम लोगों के सामने भाड़ा बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं है.

चूड़ी कारोबारी गौरव अग्रवाल का कहना है कि सावन माह के त्योहारी सीजन में हमारा माल स्टॉक में पड़ा है. डीजल की महंगा और बढ़े हुए भाड़े की वजह से हम माल को ग्राहकों तक नहीं भेज पा रहे हैं, क्योंकि खरीदार महंगी चूड़ियां खरीदने के लिए तैयार नहीं है.

Last Updated : Jun 27, 2021, 12:04 PM IST
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