फिरोजाबाद: हिंदू रीति-रिवाज में गाय को माता का दर्जा दिया गया है, लेकिन समाज के लोग दूध न देने वाली गाय को छोड़ देते हैं. यह एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं. सरकार ने गोशालाएं तो खोलीं और गायों को संरक्षित करने का भी काम किया जा रहा है, लेकिन गोशाला में गायों की बढ़ती संख्या को लेकर सरकार चिंतित है. अब ऐसी गायों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति गाय का भरण-पोषण कर सकता है. उसको राज्य सरकार भरण-पोषण भत्ता भी उपलब्ध कराएगी.
जिले में कुल 43 गोशाला संचालित हैं. इनमें अस्थायी और स्थायी दोनों शामिल हैं. गोशालाओं में करीब साढ़े चार हजार गोवंश संरक्षित हैं. इसके अलावा करीब दो हजार गोवंश अभी भी सड़कों पर आवारा घूमते हुए दिखाई देते हैं. सरकार ने मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत ऐसे गोवंश को संरक्षित करने का निर्णय लिया है.
भरण-पोषण भत्ता प्रतिमाह देगी सरकार
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रभंजन शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत जो व्यक्ति संरक्षण गोशाला से गाय लेकर उसका भरण-पोषण करना चाहे तो कर सकता है. एक व्यक्ति को अधिकतम चार गोवंश दिए जा सकते हैं. इन गोवंश के भरण-पोषण के लिए भत्ता भी दिया जाएगा. जो 900 रुपये प्रतिमाह प्रति पशु होगा. जिले में अब तक 506 गोवंश को इस योजना के तहत लोगों को सुपुर्द किया जा चुका है. जो भी योजना के तहत गोवंश का संरक्षण करना चाहता है, वह किसी भी सरकारी गोशाला से गाय ले सकता है.