फिरोजाबाद. यूक्रेन और रशिया की लड़ाई में बहुत से भारतीय छात्र जो वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं फंसे हुए हैं. इस बीच तमाम छात्रों की घर वापसी भी हो रही है. जिन छात्रों की घर वापसी हो गई है उनके परिजनों में तो खुशी का माहौल है लेकिन बढ़ते युद्ध के बीच जो अभी नहीं पहुंच पाए हैं. ऐसे छात्रों के परिजन परेशान हैं. हालांकि उन्हें अब भरोसा हो गया है कि उनके बच्चों की घर वापसी हो जाएगी.
गोरखपुर की बात करें तो यहां के कुल 71 लोग यूक्रेन में हैं जिनमें 34 छात्रों का दल यूक्रेन से गोरखपुर पहुंच चुका हैं. अभी जो शेष बचे हैं, उनको लेकर परिवार के लोग परेशान हैं. इसी तरह फिरोजाबाद, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ सहित कई जिलें के छात्रों की वापसी हो रही है. जनपद के एक और स्टूडेंट यूक्रेन से अपने घर लौट आया है. छात्र ने भारत सरकार का शुक्रिया भी अदा किया है. कहा कि भारत की वजह से ही आज वह लोग सुरक्षित है. उन्होंने खौफनाक मंजर के बारे में भी बताया. इस दौरान फिरोजाबाद के सांसद चंद्रसेन जादौन ने भी छात्र को मिठाई खिलाकर उसका स्वागत किया.
मक्खनपुर निवासी पीयूष गुप्ता भी उन खुश नसीबों में एक हैं जो यूक्रेन से सुरक्षित वतन लौट आए हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें कई दिनों तक काफी डर के साये में रहना पड़ा. उन्होंने बंकर में छिपकर अपनी जान बचायी. उन्होंने युद्ध की दहशत का खौफनाक मंजर बयां किया.
दरअसल, पीयूष गुप्ता यूक्रेन के शहर कीवी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. 24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो वहां रहने वाले सभी भारतीय छात्रों की रूह ही कांप गयी.
यूक्रेन से लौटे प्रिंस ने कहा बंकर से बॉर्डर तक आने में हाथ पैर हो गए शून्य
रूस और यूक्रेन के युद्ध से हम सभी वाकिफ है. महानगर के रहने वाले प्रिंस यूक्रेन की एक यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा हैं. प्रिंस ने अपनी आपबीती सुनायी. प्रिंस ने बताया कि रोमानिया बॉर्डर पर रात के समय -7°c तक पारा पहुंच जाता है. उस मौसम में बॉर्डर पार करना जहा 10 किलोमीटर पैदल चलना है. हालत बिगड़ गई. लेकिन बॉर्डर पर मैंने देखा कि भारत का फ्लैग की क्या पावर है. जिस वाहन में भारतीय झंडा लहरा रहा था उस वाहन को बॉर्डर पर नहीं रोका जा रहा था बल्कि बाकी सभी देश के वाहनों को चेक किया जा रहा था. हमारी गाड़ी को एक बार भी नहीं रोका गया. हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं.
बेटे की घर वापसी को लेकर एक परिवार दिन-रात लगाए बैठा है आस
गोरखपुर में अतुल श्रीवास्तव का एक ऐसा ही परिवार है जो आजकल परेशान है. उसका बेटा मनु यूक्रेन के विनेशिया में एमबीबीएस का पढ़ाई करता है. वह मेडिकल थर्ड ईयर का छात्र है. रूस और यूक्रेन के बीच तनातनी के दौरान ही अतुल श्रीवास्तव बेटे को घर लाने के प्रयास में जुटे रहे. फ्लाइट का टिकट भी कराए लेकिन सफलता नहीं मिल पायी. अब जब छात्रों का दल भारत वापस लौट रहा है तो उन्हें अपने बेटे की भी वापसी की उम्मीद जगी है.
उन्हें भारत सरकार के प्रयास पर पूरा भरोसा है. मीडिया की टीम जब अतुल श्रीवास्तव से बेटे के आगमन और उनके हाल की जानकारी लेना चाहे तो उन्होंने अपने बेटे मनोज से वीडियो कॉलिंग के जरिए बातचीत की. मनु ने भी वहां के हालात के बारे में सब कुछ अपने परिवार के लोगों को बताया.
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डॉक्टर नसीम अहमद की बेटी युक्रेन से सुरक्षित लौटी
यूक्रेन में फंसी यासमीन शुक्रवार दोपहर लगभग दो बजे मुंबई एयरपोर्ट पहुंच गई थी. शाम की फ्लाइट से लखनऊ रवाना किया गया. उधर, बेटी को रिसीव करने मां-बाप दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए थे. जब यामीन ने मुंबई एयरपोर्ट से अपने माता-पिता को अपनी सेल्फी भेजी और मुंबई तक पहुंचने की जानकारी दी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. पिता डॉ. नसीम अहमद और पत्नी अर्शिया फातिमा को लेकर दिल्ली से फ्लाइट पकड़ लखनऊ पहुंचे.
मुंबई से लखनऊ आई फ्लाइट से उतर जैसे ही यासमीन बाहर आईं तो मां और पिता ने उन्हें सीने से लगा लिया. बेटी के सकुशल वापसी आने पर माता-पिता की आंखें छलक आईं. इसके बाद परिजन बेटी को लेकर देर रात घर के लिए अमौसी एयरपोर्ट से रवाना हुए और भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही मिशन गंगा अभियान की प्रशंसा की.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद हजारों भारतीयों के फंसे होने की सूचना पर भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाकर भारतीयों को निकालने की रणनीति शुरू कर दी है. इससे पूर्व वहां फंसे छात्र और छात्राओं ने अपने-अपने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल किया जिसमें एक वीडियो हरदोई जिले के सांडी ब्लॉक की ग्राम पंचायत तेरा परसौली की रहने वाली 25 वर्षीय वैशाली यादव के वीडियो ने देश में खलबली मचा दी और पोलिटिकल मोड़ ले लिया.
वीडियो वायरल होने के बाद ट्वीट के माध्यम से बिहार के एक भाजपा नेता ने ट्वीट किया कि वैशाली के पिता महेंद्र यादव सपा नेता हैं. उनके कहने पर ही सरकार को बदनाम करने की साजिश रच हरदोई से ही अपनी बेटी के जरिये इस तरह के वीडियो वायरल करवा रहे हैं. इस बीच वैशाली की गिरफ्तारी और उसपर कार्रवाई की अफवाहें तेजी से उड़ने लगी थीं.
हालांकि जांच पड़ताल के बाद पता चला कि वैशाली रोमानिया में हैं और उनके द्वारा वाइरल वीडियो वहीं से डाला गया है. वाइरल वीडियो एक दूसरे वीडियो में अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करती और सरकार की सराहना करती नजर आईं. वैशाली ने एक दूसरा वीडियो बना कर भी सोशल मीडिया पर डाल दिया है जिसमें उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को फर्जी बताते हुए खारिज कर दिया है.
वैशाली ने कहा है कि उसने सिर्फ मदद की गुहार लगाने के उद्देश्य से वो वीडियो बनायी थी. न कि सरकार को बदनाम करने की उद्देश्य से. वैशाली ने अपने वीडियो में कहा है कि भाजपा सरकार से प्रेरित है और बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा देतीं हैं.
वहीं, सहारनपुर में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे चार छात्रों के यूक्रेन से सकुशल लौटने पर मेयर संजीव वालिया और पूर्व विधायक राजीव गुंबर ने उन छात्रों के घरों पर जाकर उनका हाल चाल जाना. उनके सकुशल लौटने पर उनका अभिनंदन कर उज्ज्वल भविष्य की कामना की. मेयर और पूर्व विधायक ने उनके सकुशल घर लौटने पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनको पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं.
यूक्रेन की नहीं की मदद तो हम भी नहीं करेंगे भारतीय छात्रों की मदद
आगरा : यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्र राशि गुप्ता गुरुवार को अपने घर पहुंची. ईटीवी भारत से बात करते हुए राशि ने बताया कि यूक्रेन के सैनिकों का वर्ताव भारतीय छात्रों के प्रति बहुत गंदा हो चुका है. भारतीय छात्रों को एके-47 दिखाकर बॉर्डर पर जाने से रोक रहे हैं. साफ कह रहे हैं कि तुम्हारे देश ने हमारे देश की मदद नहीं की तो हम भी नहीं करेंगे तुम्हारी मदद.
छात्रों के पैसे और सामान गायब हो रहा है. खाने को नहीं मिल रहा है. यहां तक यूक्रेन के सैनिक लड़कियों को भी गाड़ी से उतारकर ले जा रहे हैं. कहां ले जा रहे हैं, उसका भी नहीं पता. दो-तीन दिन तक जंगलों में रात जैसे तैसे गुजारनी पड़ रही है. जो बॉर्डर तक पहुंच जा रहा हैं, उसको मदद मिल रही है. राशि गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार का बहुत शुक्रिया करती हूं कि उन्होंने भारतीय छात्रों को लाने का अथक प्रयास किया.
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