फिरोजाबाद: कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था को अत्यधिक नुकसान हुआ है. इसके बाद केंद्र सरकार पहली बार बजट पेश करने जा रही है. कोरोना संकट के कारण देश में हुए लॉकडाउन लगाया गया तो कांच का कारोबार भी बंद हो गया. इससे कांच व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ. ऐसे में अब उन्हें आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. इसके साथ ही व्यापारियों ने सरकार से जीएसटी में बदलाव कर थोड़ी राहत देने की मांग की है.
फिरोजाबाद के कांच कारोबारियों को बजट से आस
केंद्र सरकार के आम बजट से फिरोजाबाद के कांच कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं. लॉकडाउन में कारोबार आर्थिक मंदी से गुजरा है. इसलिए कारोबारी चाहते हैं कि सरकार उनके कारोबार की सुस्ती दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए.
फिरोजाबाद शहर को कांच की नगरी और सुहाग नगरी के नाम से देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है. वजह है कि यहां जो कांच का सामान है, वह अन्य देशों में भी निर्यात होता है. फिरोजाबाद में निर्यातकों की संख्या दो सौ के आसपास है. कुछ प्रत्यक्ष रूप से निर्यात करते हैं और कुछ अप्रत्यक्ष रूप से निर्यात से जुड़े हैं. जिले से 500 करोड़ का सालाना प्रत्यक्ष निर्यात होता है, जबकि दो हजार करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष रूप से निर्यात होता है.
अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं निर्यातक
फिरोजाबाद के कांच निर्यातक, उद्योग विभाग के अधिकारियों के सामने भी अपनी पीड़ा व्यक्त कर चुके हैं. निर्यातकों का कहना है कि इस कारोबार को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे कारोबार संतुलित हो सके.
कारोबारियों की मांग है कि जो पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, ताकि अन्य प्रदेशों की तुलना में यूपी में भी समान कर व्यवस्था लागू हो सके. इसके अलावा उन पर लगने वाले टैक्स में भी ज्यादा से ज्यादा छूट दी जाए.