फिरोजाबाद : गोवंश का संरक्षण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है. बावजूद इसके फिरोजाबाद में गोशालाओं में गायों का बुरा हाल है. इनमें चारे की कमी और गायों के भूखे रहने की शिकायतें तो आए दिन मिलती हैं लेकिन इस कड़ाके की ठंड में अब गायों को सर्दी से बचाने के लिए भी कोई व्यवस्था न किए जाने की बात सामने आ रही है.
अफसरों का दावा है कि इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं. हालांकि उनके इन निर्देशों का जमीनी तौर पर कोई असर होता नहीं दिखायी दे रहा है. कुछ गोशालाओं में इंतजाम किए भी गए है लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान हैं.
गौरतलब है कि जिले में पांच हजार से अधिक पशु विभिन्न गोशालाओं में संरक्षित हैं. इन सबके बावजूद इतने ही पशु सड़कों पर और किसानों के खेतों में दिखायी दे जाते हैं. किसानों की खसल की बर्बादी का कारण भी बनते हैं.
सरकार निजी सेक्टर की गोशालाओं के 30 रुपये प्रति गाय के हिसाब से अनुदान भी देती है ताकि गाय पालकों को कुछ सहायता मिल सके लेकिन जिले की कुछ गोशालाओं को छोड़ दें तो अधिकतर गौशालाएं बदहाली से जूझ रही है. कई गोशालाओं में तो चारे तक का समुचित इंतजाम नहीं है.
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वहीं, इन दिनों गोशालाओं की गायें एक और समस्या से परेशान है. कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी है लेकिन ज्यादातर गोशालाओं में पशुओं को सर्दी से बचाने के कोई इंतजाम नहीं हैं. खुले आसमान के नीचे है यह गायें सर्द रातों में ठिठुरने को मजबूर हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने संदलपुर गांव की गोशाला का हाल देखा तो सामने आया कि यहां पशुओं को सर्दी से बचाने के इंतजाम तो हैं लेकिन इस गोशाला में केवल 50-60 गायों के ही टिन शेड का इंतजाम है जबकि यहां 150 से 200 पशु मौजूद हैं. ऐसे में 100 से अधिक गाएं खुले आसमान के नीचे ही रात बिताती हैं.
इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (Chief Veterinary Officer) डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि सभी गोशालाओं में गायों को सर्दी से बचाने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए गए है. कई गोशालाओं में व्यवस्था हुयी भी है. जहां बची है, वहां भी इंतजाम कराए जा रहे हैं.
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