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फिरोजाबादः इस बार भी किंगमेकर की भूमिका में रहेंगे मुस्लिम और वैश्य मतदाता

फिरोजाबाद में 2012 से अब तक विधानसभा सीट पर लगातार बीजेपी का कब्जा है. इस बार यहां औद्योगिक विकास, बिजली समेत कई मुद्दे उठने शुरू हो गए हैं. जातिगत समीकरण के लिहाज से इस बार यहां के मुस्लिम और वैश्य मत चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

फिरोजाबाद के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे कई मुद्दे.
फिरोजाबाद के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे कई मुद्दे.
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Published : Sep 22, 2021, 2:59 PM IST

फिरोजाबादः आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर ईटीवी भारत की टीम ने फिरोजाबाद के मतदाताओं की नब्ज टटोली. जातिगत आंकड़ों और पिछले चुनावों के अलावा मौजूदा ज्वलंत मुद्दों को लेकर लोगों से बात की गयी तो पता चला कि यहां लंबे समय से मुस्लिम और वैश्य वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस बार भी यह वोट इस सीट का भाग्य तय करेंगे. आपको बता दें कि इस सीट पर लंबे समय तक किसी भी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है.

सुहाग नगरी फिरोजाबाद का रेलवे स्टेशन
सुहाग नगरी फिरोजाबाद का रेलवे स्टेशन

2012 से काबिज है बीजेपी

इस सीट पर बीजेपी को 2012 और 2017 पर जीत मिली थी. भाजपा विधायक मनीष असीजा ने सपा प्रत्याशी अजीम भाई को 41 हजार 727 वोटों से हराकर यह सीट जीती थी. हालांकि इसके पहले के आंकड़े बताते हैं कि कभी सपा तो कभी बीएसपी को इस सीट पर जीत मिली थी. वहीं अगर इसके पूर्व की बात की जाए तो जनता दल को इस सीट पर लगातार दो चुनावों में जीत मिली थी.

2017 के चुनाव में प्रदर्शन

मनीष असीजा (भाजपा)1,02, 654
अजीम भाई (सपा)60,927
खालिद नसीर (बसपा)51,387

ये हैं चुनावी मुद्दे
औद्योगिक क्षेत्रों का विकास, बिजली, सस्ती दर पर नैचुरल गैस, लगातार गिर रहा जलस्तर भी प्रमुख समस्याएं हैं. शहर के कई इलाके पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. शहर से सटे कई इलाकों का बुनियादी विकास नहीं हुआ है. श्रमिकों को रोजगार और उनके हितों की रक्षा भी मुद्दा है.

कांच की नगरी फिरोजाबाद.
कांच की नगरी फिरोजाबाद.

यह भी पढ़ेंः महंत नरेंद्र गिरि का हुआ पोस्टमॉर्टम, रिपोर्ट से होगा खुलासा

यह हैं राजनीतिक और जातीय समीकरण
फिरोजाबाद विधानसभा सीट पर मुस्लिम और वैश्य वोट निर्णायक भूमिका निभाता आ रहा है. लंबे समय से किसी एक दल का यहां कब्जा नहीं रहा. सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार यहां से चुनाव जीते है.

अब तक ये विधायक जीते

1957
जगन्नाथ लहरी निर्दलीय
1962
भगवान दासआरपीआई ऑफ इंडिया
1967
राजारामनिर्दलीय
1969
राजारामनिर्दलीय
1974
मोहम्मद अयूब मुस्लिम लीग
1977
रघुवर दयाल वर्मा जनता पार्टी
1980
गुलाम नबीं नेशनल कांग्रेस
1985
रघुवर दयाल वर्मा जनता दल
1989
रघुवर दयाल वर्मा जनता दल
1991
राम किशन ददाजू बीजेपी
1993
नसीरुद्दीन सिद्दीकी सपा
1996
रघुवर दयाल वर्मा समता पार्टी
2002
अजीम भाई सपा
2007
नसीरुद्दीन सिद्दकीबसपा
2012
मनीष असीजाबीजेपी
2017
मनीष असीजाबीजेपी

एक नजर इस पर भी

कुल आबादी- 7,12,757

मतदाता- 4,33,902

पुरुष- 2,32,608

महिला- 2,01,246

ये है जातिगत आंकड़ा

मुस्लिम
1.20 लाख
वैश्य50 हजार
जाटव
50 हजार
राठौर
30 हजार
संखवार 30 हजार
कुशवाहा
20 हजार
ब्राह्मण
25 हजार
निषाद
10 हजार
यादव
12 हजार
ठाकुर
5 हजार
बाल्मीकि
15 हजार
अन्य पिछड़े
30 हजार
अन्य एससी
20 हजार

फिरोजाबादः आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर ईटीवी भारत की टीम ने फिरोजाबाद के मतदाताओं की नब्ज टटोली. जातिगत आंकड़ों और पिछले चुनावों के अलावा मौजूदा ज्वलंत मुद्दों को लेकर लोगों से बात की गयी तो पता चला कि यहां लंबे समय से मुस्लिम और वैश्य वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस बार भी यह वोट इस सीट का भाग्य तय करेंगे. आपको बता दें कि इस सीट पर लंबे समय तक किसी भी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है.

सुहाग नगरी फिरोजाबाद का रेलवे स्टेशन
सुहाग नगरी फिरोजाबाद का रेलवे स्टेशन

2012 से काबिज है बीजेपी

इस सीट पर बीजेपी को 2012 और 2017 पर जीत मिली थी. भाजपा विधायक मनीष असीजा ने सपा प्रत्याशी अजीम भाई को 41 हजार 727 वोटों से हराकर यह सीट जीती थी. हालांकि इसके पहले के आंकड़े बताते हैं कि कभी सपा तो कभी बीएसपी को इस सीट पर जीत मिली थी. वहीं अगर इसके पूर्व की बात की जाए तो जनता दल को इस सीट पर लगातार दो चुनावों में जीत मिली थी.

2017 के चुनाव में प्रदर्शन

मनीष असीजा (भाजपा)1,02, 654
अजीम भाई (सपा)60,927
खालिद नसीर (बसपा)51,387

ये हैं चुनावी मुद्दे
औद्योगिक क्षेत्रों का विकास, बिजली, सस्ती दर पर नैचुरल गैस, लगातार गिर रहा जलस्तर भी प्रमुख समस्याएं हैं. शहर के कई इलाके पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. शहर से सटे कई इलाकों का बुनियादी विकास नहीं हुआ है. श्रमिकों को रोजगार और उनके हितों की रक्षा भी मुद्दा है.

कांच की नगरी फिरोजाबाद.
कांच की नगरी फिरोजाबाद.

यह भी पढ़ेंः महंत नरेंद्र गिरि का हुआ पोस्टमॉर्टम, रिपोर्ट से होगा खुलासा

यह हैं राजनीतिक और जातीय समीकरण
फिरोजाबाद विधानसभा सीट पर मुस्लिम और वैश्य वोट निर्णायक भूमिका निभाता आ रहा है. लंबे समय से किसी एक दल का यहां कब्जा नहीं रहा. सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार यहां से चुनाव जीते है.

अब तक ये विधायक जीते

1957
जगन्नाथ लहरी निर्दलीय
1962
भगवान दासआरपीआई ऑफ इंडिया
1967
राजारामनिर्दलीय
1969
राजारामनिर्दलीय
1974
मोहम्मद अयूब मुस्लिम लीग
1977
रघुवर दयाल वर्मा जनता पार्टी
1980
गुलाम नबीं नेशनल कांग्रेस
1985
रघुवर दयाल वर्मा जनता दल
1989
रघुवर दयाल वर्मा जनता दल
1991
राम किशन ददाजू बीजेपी
1993
नसीरुद्दीन सिद्दीकी सपा
1996
रघुवर दयाल वर्मा समता पार्टी
2002
अजीम भाई सपा
2007
नसीरुद्दीन सिद्दकीबसपा
2012
मनीष असीजाबीजेपी
2017
मनीष असीजाबीजेपी

एक नजर इस पर भी

कुल आबादी- 7,12,757

मतदाता- 4,33,902

पुरुष- 2,32,608

महिला- 2,01,246

ये है जातिगत आंकड़ा

मुस्लिम
1.20 लाख
वैश्य50 हजार
जाटव
50 हजार
राठौर
30 हजार
संखवार 30 हजार
कुशवाहा
20 हजार
ब्राह्मण
25 हजार
निषाद
10 हजार
यादव
12 हजार
ठाकुर
5 हजार
बाल्मीकि
15 हजार
अन्य पिछड़े
30 हजार
अन्य एससी
20 हजार
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