फिरोजाबाद: जनपद की जिला एवं सत्र अदालत ने साल 2013 में हुई एक हत्या के 2 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोनों ही दोषियों पर 20- 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर 3-3 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार यह मामला जसराना थाना क्षेत्र का है. 21 सितंबर 2013 को 20 वर्षीय विजय प्रताप पुत्र रनवीर सिंह का शव एक खेत में पड़ा मिला था. जिसकी गोली मारकर हत्या की गई थी. विजय प्रताप के पिता रनवीर सिंह ने पुलिस में एफआईआर लिखाई थी. जिसके मुताबिक 20 सितंबर 2013 को शाम को उनके बेटे के फोन पर एक कॉल आई उसके बाद बेटा घर से गया. लेकिन वह रातभर लौट के नहीं आया. सवेरे जब उसकी खोजबीन की गई तो उसका शव खेत में पड़ा मिला था. पिता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक विजय प्रताप से रविंद्र ने कुछ रुपये उधार लिए थे. रुपये मांगने पर विजय को जान से मारने की धमकी भी दे रहा था. पिता ने राम सिंह उर्फ पतरा, रामनरेश तथा रविंद्र निवासी गांव सलेमपुर ख़ुटियाना के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना की साथ ही गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की.
सोमवार को मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक में हुई. अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार यादव ने बताया कि मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश चंद्रशेखर द्वितीय ने आरोपी रविंद्र की पत्रावली को पृथक करते हुए उसे किशोर न्यायालय भेजा. साथ ही मुकदमे में कई गवाहों ने गवाही दी. साक्ष्य भी न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए. साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने राम सिंह उर्फ पतरा और रामनरेश को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने उन पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर उन्हें 3-3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.