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आयुष्मान कार्ड बनाने वाली टीम को जालसाज समझकर पुलिस को सौंपा, जांच में सामने आया ये सच - firozabad Ayushman card team fraud

फिरोजाबाद में आयुष्मान कार्ड बनाने वाली टीम को जालसाज समझकर लोगों ने पुलिस को सौंप दिया था. इनके पास मौजूद लैपटॉप और फिंगरप्रिंट मशीन भी छीन ली गई थी.

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फिरोजाबाद में जालसाजी
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Published : Sep 12, 2022, 10:18 AM IST

फिरोजाबादः जिले में जालसाजी के आरोप में पुलिस को सौंपे गए आयुष्मान कार्ड बनाने वाली टीम को क्लीन चीट मिल गई है. रविवार को आयुष्मान कार्ड बनाने वाली टीम को जालसाज समझकर लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस की जांच के बाद इन्हें क्लीन चिट दे दी गई. साथ ही इनके उपकरणों को भी वापस कर दिया गया.

जानकारी के अनुसार, मामला फिरोजाबाद के लाइनपार थाना क्षेत्र के राम नगर थियेटर वाली गली का है. यहां चार युवक आयुष्मान कार्ड बना रहे थे. इन युवकों के पास लैपटॉप के अलावा अन्य उपकरण भी थे. ये लोगों का फिंगरप्रिंट ले रहे थे. कुछ लोगों ने इनसे पूछताछ. लेकिन, टीम के मेंबर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके और न ही कोई वैध आईकार्ड ही दिखा सके थे.

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस दौरान इनकी टीम का एक मेंबर भाग खड़ा हुआ तो लोगों को शक हुआ कि यह लोग कहीं जालसाज तो नहीं. लोगों के फिंगरप्रिंट लेकर ये उनका दुरुपयोग कर सकते हैं. इसके बाद लोगों ने टीम के उपकरण छीन लिए. साथ ही पुलिस बुलाकर तीन सदस्यों को पुलिस के हवाले कर दिया.

इस मामले को लेकर थाना प्रभारी लाइनपार ने कहा कि मामले की जांच हो गई है. इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान कार्ड बनाने का काम मिला था. इनके जालसाज होने की बात गलत है. इन्हें रिहा कर दिया गया है. ये सभी लोग खैरगढ़ थाना क्षेत्र के सिरमई गांव के निवासी हैं.

ये भी पढ़ेंः चलती कार की छत पर बैठकर बनाई रील, कटा चालान

फिरोजाबादः जिले में जालसाजी के आरोप में पुलिस को सौंपे गए आयुष्मान कार्ड बनाने वाली टीम को क्लीन चीट मिल गई है. रविवार को आयुष्मान कार्ड बनाने वाली टीम को जालसाज समझकर लोगों ने पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस की जांच के बाद इन्हें क्लीन चिट दे दी गई. साथ ही इनके उपकरणों को भी वापस कर दिया गया.

जानकारी के अनुसार, मामला फिरोजाबाद के लाइनपार थाना क्षेत्र के राम नगर थियेटर वाली गली का है. यहां चार युवक आयुष्मान कार्ड बना रहे थे. इन युवकों के पास लैपटॉप के अलावा अन्य उपकरण भी थे. ये लोगों का फिंगरप्रिंट ले रहे थे. कुछ लोगों ने इनसे पूछताछ. लेकिन, टीम के मेंबर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके और न ही कोई वैध आईकार्ड ही दिखा सके थे.

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस दौरान इनकी टीम का एक मेंबर भाग खड़ा हुआ तो लोगों को शक हुआ कि यह लोग कहीं जालसाज तो नहीं. लोगों के फिंगरप्रिंट लेकर ये उनका दुरुपयोग कर सकते हैं. इसके बाद लोगों ने टीम के उपकरण छीन लिए. साथ ही पुलिस बुलाकर तीन सदस्यों को पुलिस के हवाले कर दिया.

इस मामले को लेकर थाना प्रभारी लाइनपार ने कहा कि मामले की जांच हो गई है. इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान कार्ड बनाने का काम मिला था. इनके जालसाज होने की बात गलत है. इन्हें रिहा कर दिया गया है. ये सभी लोग खैरगढ़ थाना क्षेत्र के सिरमई गांव के निवासी हैं.

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